सेमीटोन और टोन क्या हैं ? What is Semitone and Tone ?

सेमीटोन और टोन

सेमीटोन और टोन Semitone and Tone को भारतीय संगीत पद्धति में हम क्रमशः स्वर तथा शब्द कहते हैं । यह दो स्वरों के बीच की दूरी को बताने के लिए प्रयुक्त होता है ।
सेमीटोन और टोन का सूत्र / Formula….

Share the Knowledge

वाद्य वृंद / वृंद वादन का महत्व – Vadya Vrinda (आर्केस्ट्रा/ Orchestra)

वाद्य वृंद

Akashvani Vadya Vrinda वाद्य यंत्रों के प्रकार, वर्गीकरण (तंतु वाद्य, सुषिर वाद्य, घन वाद्य, अवनद्ध वाद्य) Musical Instruments Types & Classification वाद्य वृंद के वाद्य / Instruments …

Read more

Share the Knowledge

संगीत शिक्षण पद्धति – संस्थागत शिक्षण प्रणाली और गुरु शिष्य परंपरा क्या है ?

संगीत शिक्षण पद्धति

संस्थागत संगीत शिक्षण प्रणाली, शास्त्रीय संगीत जिसको कि केवल लोकरंजन अथवा भक्ति के साधन के रूप में देखा जाता था , उसका जब महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षण के रूप में प्रवेश हुआ , तब संगीत की स्थिति में कई परिवर्तन आए….

Share the Knowledge

राग पहाड़ी का परिचय और हिंदी फ़िल्मी गीत in Bollywood – Raag Pahadi

राग पहाड़ी

इस राग की उत्पत्ति बिलावल थाट से और इसे औडव जाति का राग माना गया है । बॉलीवुड सिनेमा के 50% से ज्यादा बेहतरीन गानें इसी राग में बनाये गए हैं – जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा, लग जा गले, कभी कभी मेरे दिल में…..

Share the Knowledge

Difference between Rabindra Sangeet and Classical Music in Hindi हिंदी में

Difference between Rabindra Sangeet and Classical Music

रविंद्र संगीत का सम्बन्ध सीधे तौर से गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी से तथा भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से है । गुरुदेव जटिल रागों और छंदों को सरल रूप में प्रस्तुत करने में विश्वास रखते थे । कई जटिल संगीत और साहित्य को सरल बनाने का….

Share the Knowledge

Key Signature in Music- की सिग्नेचर in Hindi

Key signature in music

इस अध्याय में हम Key Signature से जुड़े सारे महत्वपूर्ण शब्दों और उनकी परिभाषाओं के बारे में जानेंगे । यह आगे आपको Western Notation System को समझने में मदद करेगी । तो चलिए आगे जानते हैं – staff Notation लिखते समय तीव्र स्वर या विकृत स्वर….

Share the Knowledge

राग रागेश्वरी का परिचय Raag Rageshwari ka Parichay

राग रागेश्वरी का परिचय

राग रागेश्वरी का जन्म खमाज थाट से माना गया है । प स्वर बिल्कुल वर्ज्य है और आरोह में रे वर्जित है । राग की जाति औडव – षाडव है । इसमें ग वादी तथा नि सम्वादी है । समप्रकृति राग- मालगुंजी और बागेश्वरी । विशेषत….

Share the Knowledge

राग झिंझौटी का परिचय in Hindi Raag Jhinjhoti ka Parichay

राग झिंझौटी का परिचय

खमाज थाट जन्य झिंझौटी राग में निषाद कोमल प्रयोग किया जाता है और शेष स्वर शुद्ध हैं । कभी – कभी कोमल गंधार भी प्रयोग करते हैं, राग झिंझोटी एक चंचल प्रकृति का राग है इस कारण यह राग वाद्य यन्त्रों के साथ ठीक मेल खाता है ।….

Share the Knowledge

राग रागिनी वर्गीकरण के मत shiv, krisna, bharat, hanuman-Raag Ragini

राग रागिनी

राग रागिनी वर्गीकरण – मध्यकाल की यह ख़ास बात थी कि कुछ रागों को स्त्री तो कुछ को पुरूष मानकर रागों की वंश – परम्परा मानी गई । इसी विचारधारा के आधार पर राग – रागिनी पद्धति का जन्म हुआ । राग रागिनी वर्गीकरण के 4 मत….

Share the Knowledge

राग कलावती का परिचय Raag Kalavati ka Parichay in Hindi

राग कलावती का परिचय

राग कलावती के प्रमुख बिंदु इस राग कलावती को खमाज थाट के अन्तर्गत रक्खा गया है । इसमें निषाद कोमल तथा शेष स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते …

Read more

Share the Knowledge

राग जनसम्मोहिनी का परिचय raag Janasammohini ka Parichay

राग जनसम्मोहिनी

राग जनसम्मोहिनी संक्षिप्त परिचय Raag Janasammohini राग जनसम्मोहिनी के महत्वपूर्ण बिंदु राग जनसम्मोहिनी को खमाज थाट में रक्खा गया है । कोमल निषाद के अलावे शेष स्वर …

Read more

Share the Knowledge

MAJOR MINOR INTERVALS / स्वरांतर MUSIC THEORY

major minor intervals

11 Types of Intervals in Music MAJOR MINOR INTERVALS (स्वरांतर) – सप्तक या कहें Octave में प्रयुक्त किन्हीं भी दो स्वरों की दूरी को स्वरांतर ( इन्टरवेल ) कहते हैं । स्वरों के बीच का अंतर श्रुति अथवा स्वरांतर….

Share the Knowledge