उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति- भारतीय Sangeet Paddhati

उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति

हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत का विकास मूलरूप से भिन्न – भिन्न सिद्धान्तों पर हुआ है क्योंकि कर्नाटक संगीत मुख्यतः निबद्ध रूप में गाया जाता है और हिन्दुस्तानी संगीत में केवल….

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हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता, तुलना- Sangeet Paddhati

हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति

हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति व कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता- दोनों पद्धतियाँ 1300 ई . के बाद अलग – अलग होने लगी , इसका कारण विदेशी प्रभाव है , विभिन्नता होते हुए भी समता अधिक है….

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राग उपयोगिता का सिद्धान्त – Raag Benefits

राग उपयोगिता का सिद्धान्त

संगीत का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के मन का रंजन करना है । किसी भी प्रकार के गायन व वादन की सार्थकता वहीं सिद्ध हो जाती है , जब संगीत को सुनकर या गा – बजाकर….

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संगीत का सम्बन्ध विषयों से( अन्य विषय ) Different Subjects and Music

संगीत का सम्बन्ध विषयों

– प्राचीनकाल में शिक्षा सभी विषयों को पृथक् – पृथक् करके दी जाती थी । लेकिन जैसे – जैसे शिक्षा दर्शन के क्षेत्र का विकास हुआ , तो यह धारणा विकसित हुई है कि सभी विषयों में कहीं न कहीं समान तत्त्व….

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कला के 64 प्रकार- कामसूत्र के रचयिता : वात्स्यायन – Kala ke 64 Prakar

कला के 64 प्रकार

वात्स्यायन या मल्लंग वात्स्यायन प्राचीन भारतीय दार्शनिक थे , जिनका समय गुप्तवंश के समय ( छठी शताब्दी से सातवीं शताब्दी ) माना जाता है । उन्होंने ‘ कामसूत्र ‘ और ‘ न्यायसूत्र भाष्य आदि ग्रन्थों….

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सौन्दर्यशास्त्र क्या है ? What is Aesthetics in Music ?

सौन्दर्यशास्त्र

सौन्दर्य का अर्थ है – इन्द्रिय सुख की चेतना । सौन्दर्यशास्त्र मानव की कला , चेतना और तत्सम्बन्धी आनन्दानुभूति का विवेचन व विश्लेषण प्रस्तुत करता है । मनुष्य जीवन….

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स्वर , लय, ताल और रस का सम्बन्ध – Taal and Ras Siddhant

लय ताल और रस

स्वर , लय और ताल से रस का सम्बन्ध – शब्द , लय , स्वर और ताल मिलकर संगीत में रस की उत्पत्ति करते हैं । साहित्य में छन्द की विविधता एवं संगीत में ताल और लय के सामंजस्य….

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भाव और रस- Bhaw and Ras

भाव और रस

नाट्य सिद्धांत के एक प्राचीन ग्रंथ ( कार्य ) नाट्यशास्त्र में भरतमुनि द्वारा रस के साथ – साथ भाव को भी खूबसूरती से चित्रित किया गया है । रस का आस्वाद भाव के माध्यम से प्रेषक के हृदय….

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संगीत और रस – Music and Ras

संगीत और रस

संगीत एवं रस स्वरों को उच्च और दीप्त करने से व लय के द्रुत स्वरों के अपकर्ष आदि से हास्य , शृंगार , करुण , वीर , रौद्र , अद्भुत , भयानक तथा वीभत्स आदि रसों की सृष्टि में सहायता….

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रस के प्रकार या भेद (विस्तृत वर्णन)-Ras ke Prakar

रस के प्रकार

रसों के सन्दर्भ में एक निश्चित मत का अभाव है , जिसके कारण कहीं 10 रस की चर्चा है , तो कहीं 11 रस की चर्चा की जाती है । मुख्य रूप से रस के 10 प्रकार हैं , जो निम्न प्रकार से हैं –

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रस सिद्धान्त क्या है ? Ras Siddhant and Music.

रस सिद्धान्त

भारतीय संस्कृति में सौन्दर्य का लक्ष्य बिन्दु सुन्दरता ना होकर ‘ रस ‘ है । यह काव्य का मूल आधार ‘ प्राणत्व ‘ अथवा ‘ आत्मा ‘ है । रस आनन्द का स्रोत है , जिसकी संगीत में उत्पत्ति….

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संगीत में कायदा क्या है ? What is Kayda in music ?

संगीत में कायदा क्या

संगीत में कायदा का मतलब क्या है ? कायदा फारसी भाषा का शब्द है , इसका अर्थ विधान , नियम , ढंग , तरीका , विधि है । संगीत में कायदा की परिभाषा क्या है?….

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