Raag Bhairav Bollywood Songs List राग भैरव गाना-जागो  मोहन प्यारे

raag bhairav bollywood song list

Raag Bhairav Bollywood Songs राग भैरव, अहीर भैरव, पर आधारित हिंदी फ़िल्मी गीत Raag Bhairavi Hindi Songs List (45 Bollywood गानें )-मिले सुर मेरा राग अड़ाना – …

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राग अड़ाना – रात्रि प्रहर Raag Adana song : आप की नज़रों ने समझा

राग अड़ाना

राग अड़ाना श्लोक – कोमल ग – ध दोउ निषाद , मानत स – प सम्वाद । तृतीय रात्रि गावत गुनिजन , चढ़त न ग लगात ।। राग अड़ाना का संक्षिप्त विवरण . अड़ाना की उत्पत्ति आसा….

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राग उपयोगिता का सिद्धान्त – Raag Benefits

राग उपयोगिता का सिद्धान्त

संगीत का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के मन का रंजन करना है । किसी भी प्रकार के गायन व वादन की सार्थकता वहीं सिद्ध हो जाती है , जब संगीत को सुनकर या गा – बजाकर….

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राग का अर्थ परिभाषा – Raag ka Arth / Paribhasha

राग का अर्थ परिभाषा

राग की परिकल्पना प्राचीनकाल में जाति गायन का प्रचलन था , परन्तु आधुनिक काल में राग गायन प्रचलित है या हम कह सकते हैं कि जाति गायन का स्थान आज राग गायन ने….

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राग ललित परिचय – Raag Lalit Parichay

राग ललित परिचय

पूर्वी थाट जन्य राग ललित में धैवत और रिषभ कोमल तथा दोनों मध्यमों का प्रयोग होता है ।
आरोह – अवरोह दोनों में पंचम पूर्ण रूप से वर्ज्य होने से राग की जाति षाडव – षाडव मानी जाती है । वादी स्वर शुद्ध मध्यम तथा सम्वादी षडज है । गायन – समय दिन का प्रथम प्रहर है….

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राग पूरियाधनाश्री – Raag Puriya Dhanashri

राग पूरियाधनाश्री

पूरियाधनाश्री राग को पूर्वी थाट जन्य राग माना गया है । इसमें ऋषभ , धैवत कोमल तथा तीव्र मध्यम प्रयोग किया जाता है । वादी पंचम तथा सम्वादी षडज है । राग की जाति सम्पूर्ण सम्पूर्ण है….

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राग हिंडोल परिचय – Raag Hindol Parichay

राग हिंडोल का परिचय

इस राग की उत्पत्ति कल्याण थाट से मानी गई है । इसमें मध्यम स्वर तीव्र तथा अन्य शेष स्वर शुद्ध लगते हैं । ऋषभ और पंचम स्वर वर्ज्य होने से इस राग की जाति ओडव – ओडव है ।….

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आश्रय राग की परिभाषा – ( जन्य राग / Janya Raag, Ashray Raag )

आश्रय राग

आश्रय राग किसे कहते हैं ?
उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में प्रत्येक थाट का नाम उस थाट से उत्पन्न होने वाले किसी राग – विशेष ‘ जन्य राग ‘ के नाम पर ही देखा जाता है । जिस जन्य राग ( उत्पन्न होने वाले राग ) का नाम थाट को दिया जाता….

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राग दरबारी कान्हड़ा परिचय – Raag Darbari Kanada

राग दरबारी कान्हड़ा

इस राग की रचना आसावरी थाट से मानी गई है । ग , ध और नि स्वर सदैव कोमल लगते हैं । राग की जाति वक्र सम्पूर्ण है । गायन – समय मध्य रात्रि है । वादी स्वर ऋषभ और सम्वादी पंचम है । हिंदी फ़िल्मी गीत- आप की नज़रों ने समझा, सरफरोशी की तमन्ना, पग घूंगरू बांध मीरा नाची थी….

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थाट के राग – 10 थाटों से उत्पन्न रागों के नाम – Thaat

थाट के राग

थाटों से ही राग की उत्पत्ति हुई है । 12 स्वर समूह में से किन्ही ख़ास 7 स्वर के चुनाव के फलस्वरूप राग का जन्म होता है । ठाट के पहचान के लिए – 7 ख़ास स्वरों के समूह से जो राग बना उस थाट / ठाट का नाम भी उस राग के अनुसार….

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राग सौन्दर्य और बंदिश सौन्दर्य – सौन्दर्य के आधार तत्व- Raag, Bandish Saundarya

राग सौन्दर्य और बंदिश सौन्दर्य

राग सौन्दर्य और बंदिश सौन्दर्य के आधार तत्व थाट और राग में अंतर, गुण, उत्त्पत्ति तथा परिभाषा क्या है ? That and Raag प्रदर्शन की दृष्टि से …

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राग रामकली का परिचय – Raag Ramkali

राग रामकली

क्रमिक पुस्तक मालिका ( प्रथम हिन्दी संस्करण ) के चौथे पृष्ठ 312 पर पंडित विष्णु नारायण भातखंडे जी लिखते हैं ‘ रामकली का वादी स्वर कोई धैवत मानता है तो कोई पंचम । सम्वादी रिषभ सर्व – सम्मति से है ।….

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