ताल के 10 प्राण क्या हैं ? दस Praan of TaaL

ताल के 10 प्राण

ताल के 10 प्राण – नारद कृत ‘ संगीत मकरन्द ‘ में ताल के 10 प्राण का वर्णन इस प्रकार दिया गया है – कालो मार्ग क्रियाअंग ग्रहो जाति कला लया । यति प्रस्तार कश्चयोति ताल प्राणान् दशस्मृता ।।….

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संगीत में ताल किसे कहते हैं ? समपदी तथा विषमपदी ताल – TaaL

संगीत में ताल किसे

संगीत में ताल का मुख्य स्थान है । वास्तव में ताल ही संगीत का आधार है । जिस प्रकार मानव शरीर में प्राण तत्त्व का अभाव हो जाए , तो वह मिट्टी के समान हो जाता है , ठीक उसी प्रकार….

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देशी और मार्गी ताल पद्धति – Margi and Deshi Taal Paddhati

देशी और मार्गी ताल पद्धति

देशी और मार्गी ताल पद्धति मार्ग – देशी ताल मार्गी ताल वाद्य यंत्रों के प्रकार वर्गीकरण Musical instrument’s Classification- vadya yantra मार्गी ताल पद्धति कला -कला के …

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परन और उठान किसे कहते हैं ? Uthan and Paran

परन और उठान

उठान का शाब्दिक अर्थ है उठने की क्रिया । यह टुकड़ा या परन का एक विशेष प्रकार है । उठान टुकड़े की अपेक्षा जोरदार और परन की अपेक्षा छोटा होता है । इसका प्रयोग….

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पेशकार किसे कहते है ? What is Peshkar in Music ?

पेशकार किसे कहते है

पेशकार – ठेके के विकसित रूप को हम ‘ पेशकार ‘ के नाम से जानते हैं । पेशकार का स्वरूप ठेके के स्वरूप से मिलता – जुलता होता है , इसलिए….

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संगीत में कायदा क्या है ? What is Kayda in music ?

संगीत में कायदा क्या

संगीत में कायदा का मतलब क्या है ? कायदा फारसी भाषा का शब्द है , इसका अर्थ विधान , नियम , ढंग , तरीका , विधि है । संगीत में कायदा की परिभाषा क्या है?….

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ताल किसे कहते हैं ? Taal की उत्पत्ति कैसे हुई ?

ताल किसे कहते हैं ?

तिष्ठा अर्थ वाली धातुओं में धातु प्रत्यय के संयोग से ताल शब्द निर्मित होता है । गीत , वाद्य एवं नृत्य इसमें प्रतिष्ठित होते हैं , इस कारण इसे ताल कहा जाता है….

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ताल वादक के गुण दोष – Rhythm Players Merits and Demerits

ताल वादक के गुण

विद्वानों का मत है कि उपर्युक्त ताल वाद्य वादक के गुणों से रहित जिस वादक को ताल के विषय में ज्ञान न हो तथा जो अवसर , काल और शास्त्र को न समझता हो , उसे केवल ‘ चमड़ा कूटनेवाला वादक….

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गमक के प्रकार कितने होते हैं? Types of Gamak

गमक के प्रकार

स्वरों का ऐसा कंपन , जो सुनने वालों के चित्त को सुखदायी हो , ‘ गमक ‘ कहलाता है । किसी न किसी रूप में गमक का प्रयोग हमारे वाद्य – संगीत और कंठ – संगीत में होता अवश्य है । खटका , मुर्की , ज़मज़मा , मीड़ , सूत , कंपन , गिटकरी इत्यादि की ही श्रेणी में आ….

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नाद की परिभाषा – आहत व अनाहत Naad, तारता(Pitch) किसे कहते हैं ?

नाद की परिभाषा

आप संगीत के छेत्र से जुड़े हुए है और आप विद्यार्थी हैं तो यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है । नकार ‘ प्राण – वाचक ( वायु – वाचक ) तथा ‘ दकार ‘ अग्नि – वाचक है , अत : जो वायु और अग्नि के योग से उत्पन्न होता है , उसी को ‘ नाद ‘ कहते है….

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लयकारी की परिभाषा क्या है ? कुआड़ क्या है ?Layakari

लयकारी

भारतीय संगीत में लयकारी क्या है ? – लयकारी का सम्बन्ध ताल से है , तबला, ढोलक, इत्यादि वाद्य यन्त्र जिनका उपयोग ताल देने के लिए होता है । गायक को भी ताल में ही गाना होता है । गायक गाने के समय अथवा वादक बजाते वक्त सर्वप्रथम एक लय निश्चित करता है और….

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