कजरी लोकगीत या कजली- उत्तर प्रदेश का Lokgeet – Kajri / Kajli अध्याय(18/22)

कजरी लोकगीत

लोकसंगीत की विधा कजली अथवा कजरी विभिन्न प्रांतों में जीवन के विभिन्न प्रसंगों, उत्सवों, त्यौहारों आदि पर गाये जाने वाले लोक गीत है । यह विभिन्न प्रकार के स्वर , ताल , पद द्वारा….

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हिमाचल प्रदेश का लोकगीत-Folk Song / Lokgeet Himachal

हिमाचल प्रदेश का लोकगीत

‘ हरे – भरे खेत , हिम शिखरों से सुसज्जित ऊंचे घने वृक्ष , स्वच्छ कल – कल बहती नदियाँ , हिमाचल प्रदेश का अद्वितीय श्रृंगार है । इसके अनुरूप यहाँ के बहुरंगी लोकगीत है….

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महाराष्ट्र का लोकसंगीत

महाराष्ट्र का लोकसंगीत

महाराष्ट्र का लोकसंगीत यहाँ के लोकसंगीत में विभिन्न अवसरों पर गाए जाने वाले विभिन्न लोकसंगीत प्रचलित हैं । धान कूटते समय , खेत खलियान में काम करते समय , कपड़े धोते समय तथा श्रावण माह में झूलते….

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लोकगीत क्या है? Lokgeet की परिभाषा, उत्पत्ति, विकास एवं विशेषताएँ

लोकगीत

प्रत्येक प्रदेश के लोकगीत के अन्तर्गत संगीत की तीनों विधाओं ( गायन , वादन व नृत्य ) का समावेश होता है , जिनका सामूहिक रूप….

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लोकसंगीत की उत्पत्ति , विकास तथा वर्गीकरण- Lok Sangeet / Folk Music

लोकसंगीत की उत्पत्ति

भारतीय लोकसंगीत की उत्पत्ति , विकास तथा वर्गीकरण भारतीय लोकसंगीत का विकास मानव के सांस्कृतिक विकास के साथ तथा इसकी उत्पत्ति प्राकृतिक प्रक्रिया के साथ हुई । सांस्कृतिक….

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पारंपरिक लोक संगीत का अध्ययन- Traditional Lok Sangeet

पारंपरिक लोक संगीत

पारंपरिक लोक संगीत से तात्पर्य है कि जो संगीत जनमानस के मन का रंजन करे, लोकसंगीत मन के अनछुए भावों की अभिव्यक्ति करने में सक्षम होता है । वह अभिव्यक्ति , खुशी , व्यथा , विस्मय , आल्हाद , भक्ति और वात्सल्य किसी….

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लोकसंगीत और शास्त्रीय संगीत का पारस्परिक सम्बन्ध – Shastriya & Loksangeet

लोकसंगीत और शास्त्रीय संगीत

लोकसंगीत आदिकाल से ही जनजीवन का अभिन्न अंग रहा है । प्राकृतिक सौन्दर्य ने आदि मानव के भीतर जिज्ञासा उत्पन्न की फलस्वरूप ज्ञानेन्द्रियां जाग्रत हुईं और आदिमानव पशु – पक्षी , कीड़े – मकोड़े आदि के स्वर से ….

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