राग मांड का परिचय ” पधारो म्हारे देश (राजस्थान)” Raag Maand

राग मांड

इस राग का राजस्थान से क्या रिश्ता है । राजस्थानी मांड यहाँ की मिट्टी में समाया हुआ राग है । आपने यहाँ का बेहद लोकप्रिय यह गाना जरूर ही सुना होगा ” पधारो म्हारे देस ” । यह राग मांड पर ही आधारित है। मांड को बिलावल थाट जन्य माना गया है ।….

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राग पहाड़ी का परिचय और हिंदी फ़िल्मी गीत in Bollywood – Raag Pahadi

राग पहाड़ी

इस राग की उत्पत्ति बिलावल थाट से और इसे औडव जाति का राग माना गया है । बॉलीवुड सिनेमा के 50% से ज्यादा बेहतरीन गानें इसी राग में बनाये गए हैं – जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा, लग जा गले, कभी कभी मेरे दिल में…..

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Difference between Rabindra Sangeet and Classical Music in Hindi हिंदी में

Difference between Rabindra Sangeet and Classical Music

रविंद्र संगीत का सम्बन्ध सीधे तौर से गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी से तथा भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से है । गुरुदेव जटिल रागों और छंदों को सरल रूप में प्रस्तुत करने में विश्वास रखते थे । कई जटिल संगीत और साहित्य को सरल बनाने का….

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Key Signature in Music- की सिग्नेचर in Hindi

Key signature in music

इस अध्याय में हम Key Signature से जुड़े सारे महत्वपूर्ण शब्दों और उनकी परिभाषाओं के बारे में जानेंगे । यह आगे आपको Western Notation System को समझने में मदद करेगी । तो चलिए आगे जानते हैं – staff Notation लिखते समय तीव्र स्वर या विकृत स्वर….

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Time Signature ( ताल ) के प्रकार, लयकारी, विशेषतायें in Western music

Time Signature

Time Signature का मतलब हिंदी में होता है ” ताल ” । western Notation System में ताल भिन्न के रूप में पाया जाता है , जैसे – 3/2 , 3/4 , 4/2 आदि जिसे टाइम सिगनेचर (Time Signature ) कहते हैं । इसे ( Clef Signature ) के बगल में लिखते….

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तानपूरा का परिचय, अंग, बजाने, मिलाने की विधि Tanpura in Hindi

तानपूरा का परिचय

भारतीय संगीत में तानपूरा का परिचय – Tanpura ka Parichay तानपूरा का अंग – परिचय तानपूरा का अंग – परिचय और QnA तानपुरा मिलाने की विधि तानपुरा …

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राग आसा का परिचय (ਰਾਗ ਆਸਾ) हिंदी में – Raag Asa in Hindi

राग आसा

राग आसा का परिचय और गुरमत संगीत राग आसा बिलावल थाट जन्य राग माना जाता है । यह चंचल प्रकृति का राग है । आरोह में ग …

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बंगाल का लोक गीत और लोक नृत्य Folk Song and Folk Dance of Bengal বাংলা

बंगाल का लोक गीत

बंगाल के ग्रामीणों का प्राण है संगीत , घर , बाहर , खेत – खलिहानों इत्यादि के लिए वहां अलग – अलग तरह के गीत गाए जाते हैं । लोक-गीत प्रायः सप्तक के 2-3 स्वरों में ही गाए जाते हैं । कलकत्ता जैसे बड़े शहर में भी लोग अपने ग्रामीण लोगों से….

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राग रागेश्वरी का परिचय Raag Rageshwari ka Parichay

राग रागेश्वरी का परिचय

राग रागेश्वरी का जन्म खमाज थाट से माना गया है । प स्वर बिल्कुल वर्ज्य है और आरोह में रे वर्जित है । राग की जाति औडव – षाडव है । इसमें ग वादी तथा नि सम्वादी है । समप्रकृति राग- मालगुंजी और बागेश्वरी । विशेषत….

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पंडित भीमसेन जोशी जीवनी Pandit Bhimsen Joshi Biography in Hindi

पंडित भीमसेन जोशी जीवनी

पंडित भीमसेन जोशी जीवनी भारतीय संगीत में पंडित भीमसेन जोशी का योगदान गायन के घराने और उनकी विशेषताएं Gharanas of Singing Biography – जीवनी Vishnu Digambar Paluskar …

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राग झिंझौटी का परिचय in Hindi Raag Jhinjhoti ka Parichay

राग झिंझौटी का परिचय

खमाज थाट जन्य झिंझौटी राग में निषाद कोमल प्रयोग किया जाता है और शेष स्वर शुद्ध हैं । कभी – कभी कोमल गंधार भी प्रयोग करते हैं, राग झिंझोटी एक चंचल प्रकृति का राग है इस कारण यह राग वाद्य यन्त्रों के साथ ठीक मेल खाता है ।….

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राग रागिनी वर्गीकरण के मत shiv, krisna, bharat, hanuman-Raag Ragini

राग रागिनी

राग रागिनी वर्गीकरण – मध्यकाल की यह ख़ास बात थी कि कुछ रागों को स्त्री तो कुछ को पुरूष मानकर रागों की वंश – परम्परा मानी गई । इसी विचारधारा के आधार पर राग – रागिनी पद्धति का जन्म हुआ । राग रागिनी वर्गीकरण के 4 मत….

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