पेशकार किसे कहते है ? What is Peshkar in Music ?

पेशकार किसे कहते है

पेशकार – ठेके के विकसित रूप को हम ‘ पेशकार ‘ के नाम से जानते हैं । पेशकार का स्वरूप ठेके के स्वरूप से मिलता – जुलता होता है , इसलिए….

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गत किसे कहते हैं ? What is Gat in Music .

गत किसे कहते हैं

विभिन्न प्रकार के वाद्यों पर बजायी जाने वाली ताल में बंधी हुई रचनाएँ गत कहकर पुकारी जाती हैं । गत के प्रत्येक स्वर पर मिजराब के बोल होते हैं….

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ताल किसे कहते हैं ? Taal की उत्पत्ति कैसे हुई ?

ताल किसे कहते हैं ?

तिष्ठा अर्थ वाली धातुओं में धातु प्रत्यय के संयोग से ताल शब्द निर्मित होता है । गीत , वाद्य एवं नृत्य इसमें प्रतिष्ठित होते हैं , इस कारण इसे ताल कहा जाता है….

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अलंकार किसे कहते हैं ? What is Alankar in Music ?

अलंकार किसे कहते हैं

अलंकार वे आभूषण होते हैं , जो सजावट के कार्य हेतु प्रयोग किए जाते हैं । अतः गुम्फित स्वरों द्वारा स्वरों को सजाने की क्रिया अलंकार कहलाती है । उदाहरण , जैसे….

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सेमीटोन और टोन क्या हैं ? What is Semitone and Tone ?

सेमीटोन और टोन

सेमीटोन और टोन Semitone and Tone को भारतीय संगीत पद्धति में हम क्रमशः स्वर तथा शब्द कहते हैं । यह दो स्वरों के बीच की दूरी को बताने के लिए प्रयुक्त होता है ।
सेमीटोन और टोन का सूत्र / Formula….

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तानपूरा मिलाने की विधि- Tuning of Tanpura

तानपूरा मिलाने की विधि

तानपूरा मिलाने की विधि – कुछ कलाकार तानपूरा को जमीन पर लिटाकर उसके एक ही तार पर वीणा या गिटार की तरह वादन करते भी देखे जाते …

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वीणा वाद्य यंत्र का परिचय – Veena Vadya Yantra ka Parichay

वीणा वाद्य यंत्र

वीणा भारत का ऐतिहासिक प्राचीनतम वाद्ययंत्र है जो तत वाद्यों की श्रेणी में आता है । वीणा बजाने के लिए तीन स्थितियाँ हैं । मींड, सूत , गमक , घसीट , श्रुतियों और तानों का जितना अच्छा प्रदर्शन वीणा के द्वारा हो सकता है उतना अन्य किसी वाद्य के द्वारा….

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ताल वादक के गुण दोष – Rhythm Players Merits and Demerits

ताल वादक के गुण

विद्वानों का मत है कि उपर्युक्त ताल वाद्य वादक के गुणों से रहित जिस वादक को ताल के विषय में ज्ञान न हो तथा जो अवसर , काल और शास्त्र को न समझता हो , उसे केवल ‘ चमड़ा कूटनेवाला वादक….

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बाँसुरी बजाना कैसे सीखें / Learn Flute / Bansuri kaise Bajaye ?

बाँसुरी बजाना कैसे सीखें

यह वंश परिवार का अति प्राचीन सुषिर ( फूक से बजने वाला ) वाद्य है । भगवान् कृष्ण ने अपने अधरों से लगाकर इसे अमरत्व प्रदान कर दिया है । बाँसुरी को वंशी , वेणु या मुरली भी कहते हैं, इंग्लिश में Flute कहते हैं, और बाँसुरी….

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गमक के प्रकार कितने होते हैं? Types of Gamak

गमक के प्रकार

स्वरों का ऐसा कंपन , जो सुनने वालों के चित्त को सुखदायी हो , ‘ गमक ‘ कहलाता है । किसी न किसी रूप में गमक का प्रयोग हमारे वाद्य – संगीत और कंठ – संगीत में होता अवश्य है । खटका , मुर्की , ज़मज़मा , मीड़ , सूत , कंपन , गिटकरी इत्यादि की ही श्रेणी में आ….

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नाद की परिभाषा – आहत व अनाहत Naad, तारता(Pitch) किसे कहते हैं ?

नाद की परिभाषा

आप संगीत के छेत्र से जुड़े हुए है और आप विद्यार्थी हैं तो यह और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है । नकार ‘ प्राण – वाचक ( वायु – वाचक ) तथा ‘ दकार ‘ अग्नि – वाचक है , अत : जो वायु और अग्नि के योग से उत्पन्न होता है , उसी को ‘ नाद ‘ कहते है….

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गायक के गुण अवगुण – Singer’s Merits, Demerits

गायक के गुण अवगुण

किसी गायक को अच्छा या बुरा कहना, गायक के गुण अवगुण पर निर्भर करता है । अपने गुणों में वृद्धि कर तथा अपने अवगुणों को समाप्त कर वह एक अच्छा गायक बन सकता है ।
आइये जानते हैं – गायक के 22 गुण , 25 अवगुण और कुछ अपवाद –

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