Western Staff Notation in Hindi – पाश्चात्य स्वरों का नामकरण

Western Staff Notation in Hindi

स्वर और उनके नाम पाश्चात्य संगीत में गाये जाने वाले स्वर – नाम Do (डो), Re (रे), Mi (मी), Fa (फा), SoI (सोल), La (ला), Ti/Si (सी) है और उनका लिखित नाम C , D , E , F , G , A , B हैं । इनके अलावा स्वरों के अन्य नाम भी हैं जो….

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वायलिन वाद्य यन्त्र का परिचय, अंग, मिलाने की पद्धति- Violin vadya yantra

वायलिन वाद्य यन्त्र

वाद्य यन्त्र वायलिन ( बेला ) – वायलिन ( Violin ) या बेला एक विदेशी वाद्य है । गज से बजनेवाले समस्त वाद्यों में इसे सर्वत्र प्रतिष्ठा …

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संगीत के 40 सिद्धान्त ( Hindustani Sangeet Paddhati )

पद्धति के चालीस (40) सिद्धान्त

हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति के 40 सिद्धान्त- कर्नाटिक संगीत पद्धति की तुलना में हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति विशेषताएँ रखती है । यही कारण है के आज मैसूर , मद्रास और कर्नाटक को छोड़कर शेष समस्त भारत में यही पद्धति प्रचलित है । यह पद्धति कुछ विशेष सिद्धान्तों पर….

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तान के प्रकार कितने है? Types of Taan ? Taan ke Prakar

तान के प्रकार

संगीत में तान – स्वरों का वह समूह , जिसके द्वारा राग – विस्तार किया जाता है , ‘ तान ‘ कहलाता है ; जैसे – ‘ सा रे ग म , ग रे सा ‘ इत्यादि ।
तान के प्रकार हैं – आलाप, शुद्ध तान, कूट तान, मिश्र तान, खटके की तान, झटके की तान, वक्रतान….

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थाट के राग – 10 थाटों से उत्पन्न रागों के नाम – Thaat

थाट के राग

थाटों से ही राग की उत्पत्ति हुई है । 12 स्वर समूह में से किन्ही ख़ास 7 स्वर के चुनाव के फलस्वरूप राग का जन्म होता है । ठाट के पहचान के लिए – 7 ख़ास स्वरों के समूह से जो राग बना उस थाट / ठाट का नाम भी उस राग के अनुसार….

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माण्डूकी शिक्षा नारदीय शिक्षा- Manduki Shiksha , Nardiya Shiksha

माण्डूकी शिक्षा नारदीय शिक्षा

माण्डूकी शिक्षा -मोर षड्ज में बोलता है । गौ ऋषभ में रम्भाती है । बकरी गान्धार में बोलती है । क्रौंच पक्षी मध्यम में बोलता है…
नारदीय शिक्षा-अंगूठे के बाहर क्रुष्ट स्वर होता है । अँगूठे में मध्यम स्वर होता है । अंगूठे के बाद वाली उँगली पर गान्धार स्वर , बीच वाली…

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मार्गी संगीत और देशी संगीत की विशेषतायें व अन्तर, Margi and Deshi

मार्गी संगीत और देशी संगीत

मार्गी संगीत को गांधर्व संगीत भी कहते हैं । इस संगीत को मोक्ष प्राप्त करने का साधन माना जाता था । देशी संगीत को हम गान भी कहते हैं । इस संगीत का मुख्य उद्देश्य जनता का मनोरंजन करना है । मार्गी संगीत की विशेषतायें….

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संगीत की शब्दावली Vocabulary – bani, giti, alptva, nyas, gamak

संगीत की शब्दावली

संगीत में निम्नलिखित शब्द ( कलावन्त, गीति, बानी, गीत, पंडित, वाग्गेयकार, नायक, गायक, अल्पत्व – बहुत्व, निबद्ध, रागालाप, स्वस्थान नियम का आलाप, आलिप्तगान, परमेल, अध्वदर्शक स्वर, मुखचालन, आक्षिप्तिका, न्यास और ग्रह, अपन्यास स्वर, सन्यास और विन्यास, विदारी, गमक, तिरोभाव – आविर्भाव ) की परिभाषा ….

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राग मालगुंजी का परिचय Raag Malgunji ka Parichay

राग मालगुंजी

राग मालगुंजी का परिचय – संक्षिप्त विवरण विशेषता अपवाद राग मालगुंजी का परिचय आलाप राग मालगुंजी का परिचय तानें राग विभास का परिचय Raag Vibhas ka Parichay …

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राग गोरख कल्याण का परिचय Raag Gorakh Kalyan

राग गोरख कल्याण

राग गोरख कल्याण बेहद ही मधुर राग है – यह राग खमाज थाट से उत्पन्न माना गया है । इसमें निषाद (नि) कोमल तथा शेष स्वर का शुद्ध रूप उपयोग करते हैं । आरोह में गंधार और पंचम वर्ज्य तथा अवरोह में केवल गन्धार वर्ज्य होने से इसकी जाति औडव – षाडव है । वादी स्वर षडज और….

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Difference between Rabindra Sangeet and Classical Music in Hindi हिंदी में

Difference between Rabindra Sangeet and Classical Music

रविंद्र संगीत का सम्बन्ध सीधे तौर से गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी से तथा भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से है । गुरुदेव जटिल रागों और छंदों को सरल रूप में प्रस्तुत करने में विश्वास रखते थे । कई जटिल संगीत और साहित्य को सरल बनाने का….

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Key Signature in Music- की सिग्नेचर in Hindi

Key signature in music

इस अध्याय में हम Key Signature से जुड़े सारे महत्वपूर्ण शब्दों और उनकी परिभाषाओं के बारे में जानेंगे । यह आगे आपको Western Notation System को समझने में मदद करेगी । तो चलिए आगे जानते हैं – staff Notation लिखते समय तीव्र स्वर या विकृत स्वर….

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