घराने से सम्बंधित शैली के विषय में -Gharana

घराने से सम्बंधित शैली

घराने से सम्बंधित शैली नृत्य के घराने – Nritya Gharana रवीन्द्र संगीत घराना – Rabindra sangeet gharana रवीन्द्र संगीत घराना – Rabindra sangeet gharana घराना परम्परा के …

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अन्तर्राष्ट्रीय टैगोर पुरस्कार – कला एवं संगीत

अन्तर्राष्ट्रीय टैगोर पुरस्कार

कला एवं संगीत के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान ग्रैमी पुरस्कार क्या है ? अन्तर्राष्ट्रीय टैगोर पुरस्कार टैगोर सांस्कृतिक सद्भावना पुरस्कार के विजेता वर्ष विजेता विजेता के बारे …

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घराना परम्परा के गुण एवं दोष – Merits & Demerits of Gharana

घराना परम्परा के गुण

घराना परम्परा के गुण एवं दोष- संगीत में घराना से तात्पर्य एक विशेष स्थान पर प्रचलित अथवा व्यक्ति विशेष द्वारा प्रवर्तित संगीत की रीति या शैली से …

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मुगलकाल में संगीत कला- Mughal kaal me Sangeet (7/9)

मुगलकाल में संगीत कला

आरम्भ के राजनैतिक आन्तरिक विघटन के कारण मुगल काल ऐसा रहा कि हम अपने अस्तित्व को सुदृढ़ नहीं रख सके । 1526 ई . में की विजय हिन्दुस्तान के कुछ हिस्सों में….

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कर्नाटक संगीत स्वरलिपि पद्धति- karnataka Sangeet Swarlipi Paddhati

कर्नाटक संगीत स्वरलिपि पद्धति

कर्नाटक संगीत भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम कर्नाटक संगीत अधिकतर भक्ति संगीत के रूप में होता है और अधिकतर रचनाएँ हिन्दू देवताओं को सम्बोधित….

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उत्तरी दक्षिणी गीत शैली- तुलना , बन्दिशों का स्वरूप Geet Shaili

उत्तरी दक्षिणी गीत शैली

उत्तरी व दक्षिणी गीत शैली दोनों पद्धतियों में अपनी शैलियाँ तथा उनके प्रस्तुतीकरण का अपना विशेष ढंग है । दक्षिण में 17 वीं शताब्दी में पण्डित वेंकटमखी के समय तक….

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उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति- भारतीय Sangeet Paddhati

उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति

हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत का विकास मूलरूप से भिन्न – भिन्न सिद्धान्तों पर हुआ है क्योंकि कर्नाटक संगीत मुख्यतः निबद्ध रूप में गाया जाता है और हिन्दुस्तानी संगीत में केवल….

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हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता, तुलना- Sangeet Paddhati

हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति

हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति व कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता- दोनों पद्धतियाँ 1300 ई . के बाद अलग – अलग होने लगी , इसका कारण विदेशी प्रभाव है , विभिन्नता होते हुए भी समता अधिक है….

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राग उपयोगिता का सिद्धान्त – Raag Benefits

राग उपयोगिता का सिद्धान्त

संगीत का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के मन का रंजन करना है । किसी भी प्रकार के गायन व वादन की सार्थकता वहीं सिद्ध हो जाती है , जब संगीत को सुनकर या गा – बजाकर….

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राग का अर्थ परिभाषा – Raag ka Arth / Paribhasha

राग का अर्थ परिभाषा

राग की परिकल्पना प्राचीनकाल में जाति गायन का प्रचलन था , परन्तु आधुनिक काल में राग गायन प्रचलित है या हम कह सकते हैं कि जाति गायन का स्थान आज राग गायन ने….

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ताल के 10 प्राण क्या हैं ? दस Praan of TaaL

ताल के 10 प्राण

ताल के 10 प्राण – नारद कृत ‘ संगीत मकरन्द ‘ में ताल के 10 प्राण का वर्णन इस प्रकार दिया गया है – कालो मार्ग क्रियाअंग ग्रहो जाति कला लया । यति प्रस्तार कश्चयोति ताल प्राणान् दशस्मृता ।।….

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