परन और उठान किसे कहते हैं ? Uthan and Paran

परन और उठान

उठान का शाब्दिक अर्थ है उठने की क्रिया । यह टुकड़ा या परन का एक विशेष प्रकार है । उठान टुकड़े की अपेक्षा जोरदार और परन की अपेक्षा छोटा होता है । इसका प्रयोग….

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पेशकार किसे कहते है ? What is Peshkar in Music ?

पेशकार किसे कहते है

पेशकार – ठेके के विकसित रूप को हम ‘ पेशकार ‘ के नाम से जानते हैं । पेशकार का स्वरूप ठेके के स्वरूप से मिलता – जुलता होता है , इसलिए….

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संगीत में कायदा क्या है ? What is Kayda in music ?

संगीत में कायदा क्या

संगीत में कायदा का मतलब क्या है ? कायदा फारसी भाषा का शब्द है , इसका अर्थ विधान , नियम , ढंग , तरीका , विधि है । संगीत में कायदा की परिभाषा क्या है?….

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गत किसे कहते हैं ? What is Gat in Music .

गत किसे कहते हैं

विभिन्न प्रकार के वाद्यों पर बजायी जाने वाली ताल में बंधी हुई रचनाएँ गत कहकर पुकारी जाती हैं । गत के प्रत्येक स्वर पर मिजराब के बोल होते हैं….

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ताल किसे कहते हैं ? Taal की उत्पत्ति कैसे हुई ?

ताल किसे कहते हैं ?

तिष्ठा अर्थ वाली धातुओं में धातु प्रत्यय के संयोग से ताल शब्द निर्मित होता है । गीत , वाद्य एवं नृत्य इसमें प्रतिष्ठित होते हैं , इस कारण इसे ताल कहा जाता है….

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अलंकार किसे कहते हैं ? What is Alankar in Music ?

अलंकार किसे कहते हैं

अलंकार वे आभूषण होते हैं , जो सजावट के कार्य हेतु प्रयोग किए जाते हैं । अतः गुम्फित स्वरों द्वारा स्वरों को सजाने की क्रिया अलंकार कहलाती है । उदाहरण , जैसे….

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सेमीटोन और टोन क्या हैं ? What is Semitone and Tone ?

सेमीटोन और टोन

सेमीटोन और टोन Semitone and Tone को भारतीय संगीत पद्धति में हम क्रमशः स्वर तथा शब्द कहते हैं । यह दो स्वरों के बीच की दूरी को बताने के लिए प्रयुक्त होता है ।
सेमीटोन और टोन का सूत्र / Formula….

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राग ललित परिचय – Raag Lalit Parichay

राग ललित परिचय

पूर्वी थाट जन्य राग ललित में धैवत और रिषभ कोमल तथा दोनों मध्यमों का प्रयोग होता है ।
आरोह – अवरोह दोनों में पंचम पूर्ण रूप से वर्ज्य होने से राग की जाति षाडव – षाडव मानी जाती है । वादी स्वर शुद्ध मध्यम तथा सम्वादी षडज है । गायन – समय दिन का प्रथम प्रहर है….

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राग पूरियाधनाश्री – Raag Puriya Dhanashri

राग पूरियाधनाश्री

पूरियाधनाश्री राग को पूर्वी थाट जन्य राग माना गया है । इसमें ऋषभ , धैवत कोमल तथा तीव्र मध्यम प्रयोग किया जाता है । वादी पंचम तथा सम्वादी षडज है । राग की जाति सम्पूर्ण सम्पूर्ण है….

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राग हिंडोल परिचय – Raag Hindol Parichay

राग हिंडोल का परिचय

इस राग की उत्पत्ति कल्याण थाट से मानी गई है । इसमें मध्यम स्वर तीव्र तथा अन्य शेष स्वर शुद्ध लगते हैं । ऋषभ और पंचम स्वर वर्ज्य होने से इस राग की जाति ओडव – ओडव है ।….

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Western Staff Notation in Hindi – पाश्चात्य स्वरों का नामकरण

Western Staff Notation in Hindi

स्वर और उनके नाम पाश्चात्य संगीत में गाये जाने वाले स्वर – नाम Do (डो), Re (रे), Mi (मी), Fa (फा), SoI (सोल), La (ला), Ti/Si (सी) है और उनका लिखित नाम C , D , E , F , G , A , B हैं । इनके अलावा स्वरों के अन्य नाम भी हैं जो….

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तानपूरा मिलाने की विधि- Tuning of Tanpura

तानपूरा मिलाने की विधि

तानपूरा मिलाने की विधि – कुछ कलाकार तानपूरा को जमीन पर लिटाकर उसके एक ही तार पर वीणा या गिटार की तरह वादन करते भी देखे जाते …

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