परन और उठान किसे कहते हैं ? Uthan and Paran

परन और उठान क्या है ?What is Pran and Uthan = ?

संगीत में उठान किसे कहते हैं ?

  • Uthan – उठान का शाब्दिक अर्थ है उठने की क्रिया । यह टुकड़ा या परन का एक विशेष प्रकार है । उठान टुकड़े की अपेक्षा जोरदार और परन की अपेक्षा छोटा होता है । इसका प्रयोग नृत्य के आरम्भ में या पूरब अंश के तबला वादक अपने स्वतन्त्र – वादन में विशेष विधि से प्रयोग करते हैं ।
  • उठान को कुछ लोग मुखड़े के नाम से भी पुकारते हैं । गायन तथा वादन के आरम्भ में सम पकड़ने के लिए जिस बोल समूह का प्रयोग किया जाता है ; सांगीतिक भाषा में उसे उठान के नाम से पुकारा जाता है । उठान के द्वारा श्रोताओं के मध्य या समक्ष चमत्कार तब उत्पन्न हो जाता है , जब सम पर आने के लिए आरम्भ में ही उठान का जोरदार टुकड़ा बजाया जाता है ।
  • उठान के प्रयोग से वादन शैली में प्रभाविकता की उत्पत्ति होती है , इसी कारणवश अपने वादन को प्रभावी बनाने हेतु तबला वादक उठान का प्रयोग करता है । उठान की रचना परनों से भिन्न होती है । इसमें ती , ता , तक आदि बोलों की अधिकता रहने के साथ – साथ रोचकता भी रहती है , जो वादक की वादन शैली से परिलक्षित होती है । इसमें कई प्रकार की लयों का आधिक्य रहता है , परन्तु जो बोल प्रारम्भ में लेकर उठाया जाता है , वास्तव में वही बोल उठान कहलाने का अधिकारी होता है । अत : गायन – वादन में ‘ सम ‘ पकड़ने हेतु , जो बोल समूह प्रयोग में लाया जाता है , वह उठान कहलाता है ।

भारतीय संगीत में परन किसे कहते हैं ?

  • Paranताल के किसी भी मात्रा से आरम्भ होकर सम पर समाप्त हो उसे परन कहते हैं । अर्थात गृह से सम के बाज को परन कहते हैं ।
  • परन उस बड़े और जोरदार टुकड़े को कहते हैं , जो कम से कम दो आवर्तन का और जितने चाहे आवर्तनों का हो सकता है , जिसमे अधिकतर तिहाई से समाप्त होती है, परन वास्तव में पखावज की वस्तु है , इसलिए तबले पर बजाते समय वह जोरदार बोलो से ही बनायीं जाती है ।
  • परन को प्रचार में लाने का श्रेय मृदंग सम्राट श्रीकुदऊ सिंह को प्राप्त है ।

आशा करता हूँ आप समझ गए होंगे कि परन और उठान किसे कहते हैं । सप्त स्वर ज्ञान से जुड़ने के लिए आपका दिल से
धन्यवाद ।

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