मुगलकाल में संगीत कला- Mughal kaal me Sangeet (7/9)

मुगलकाल में संगीत कला

आरम्भ के राजनैतिक आन्तरिक विघटन के कारण मुगल काल ऐसा रहा कि हम अपने अस्तित्व को सुदृढ़ नहीं रख सके । 1526 ई . में की विजय हिन्दुस्तान के कुछ हिस्सों में….

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मध्यकालीन संगीत का इतिहास – Madhyakalin Sangeet (6/9)

मध्यकालीन संगीत का इतिहास

मध्यकालीन संगीत का इतिहास सामान्यतः 8 वीं से 18 वीं सदी के काल को मध्यकाल माना जाता है , किन्तु संगीत की दृष्टि से संगीत रत्नाकर के बाद अर्थात् 13 वीं से 18 वीं सदी के….

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महाकाव्य काल में संगीत- MahaKavya sangeet ( 5/9 )

महाकाव्य काल में संगीत

महाकाव्य काल भारत का एक गौरवमय काल रहा है । इस काल में विश्व में दो प्रसिद्ध महाकाव्यों की रचना हुई । रामायण तथा महाभारत , जो….

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शिक्षा प्रतिसांख्यों में संगीत – Shiksha Pratisakhya me Sangeet (4/9)

शिक्षा प्रतिसांख्यों में संगीत

वैदिक साहित्य की प्राचीन परम्परा के सुरक्षार्थ जिस वेदान्त साहित्य का सृजन हुआ , उनमें शिक्षा ग्रन्थ विशेष है । शिक्षा ग्रन्थों में छः विषयों का निरूपण प्राप्त होता है….

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उपनिषदों में संगीत -Upnishadon me Sangeet (3/9)

उपनिषदों में संगीत

अनुमानित रूप से उपनिषद् काल ई . पू . 1000 से 500 तक माना जा कता है । ब्राह्मणों के अन्तर्गत ऐतरेय , तैत्तरीय एवं शतपथ आदि ब्राह्मणों में संगीत….

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पौराणिक युग में संगीत – Pauranik yug me Sangeet ( ch- 2/9 )

पौराणिक युग में संगीत

वैदिक युग के पश्चात् हमें संगीत के साक्ष्य पौराणिक तथा महाकाव्य काल में भी प्राप्त होते हैं । अतः इस युग में संगीत की स्थिति को जानने के लिए हमें पुराणों , उपनिषदों , शिक्षा ग्रन्थों….

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वैदिक काल में संगीत- Music in Vaidik Kaal ( ch- 1/9 )

वैदिक काल में संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता । इसका विकास क्रम वैदिक युग , जैन व बौद्ध काल से लेकर विभिन्न प्राचीन व मध्यकालीन राजवंशों….

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कर्नाटक संगीत स्वरलिपि पद्धति- karnataka Sangeet Swarlipi Paddhati

कर्नाटक संगीत स्वरलिपि पद्धति

कर्नाटक संगीत भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम कर्नाटक संगीत अधिकतर भक्ति संगीत के रूप में होता है और अधिकतर रचनाएँ हिन्दू देवताओं को सम्बोधित….

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संगीत शैली के प्रकार- Music Genre (Sangeet Shaili) ke prakar

संगीत शैली के प्रकार

जिस तरह गायन शैली के कुछ प्रकार होते हैं , उसी तरह आज के इस आधुनिक युग में कुछ शब्द , कुछ तरीके , बजने का ढंग या यूँ कह ले कुछ शैलियां हैं….

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उत्तरी दक्षिणी गीत शैली- तुलना , बन्दिशों का स्वरूप Geet Shaili

उत्तरी दक्षिणी गीत शैली

उत्तरी व दक्षिणी गीत शैली दोनों पद्धतियों में अपनी शैलियाँ तथा उनके प्रस्तुतीकरण का अपना विशेष ढंग है । दक्षिण में 17 वीं शताब्दी में पण्डित वेंकटमखी के समय तक….

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उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति- भारतीय Sangeet Paddhati

उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति

हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत का विकास मूलरूप से भिन्न – भिन्न सिद्धान्तों पर हुआ है क्योंकि कर्नाटक संगीत मुख्यतः निबद्ध रूप में गाया जाता है और हिन्दुस्तानी संगीत में केवल….

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हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता, तुलना- Sangeet Paddhati

हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति

हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति व कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता- दोनों पद्धतियाँ 1300 ई . के बाद अलग – अलग होने लगी , इसका कारण विदेशी प्रभाव है , विभिन्नता होते हुए भी समता अधिक है….

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