Time Signature ( ताल ) के प्रकार, लयकारी, विशेषतायें in Western music

Time Signature

Time Signature का मतलब हिंदी में होता है ” ताल ” । western Notation System में ताल भिन्न के रूप में पाया जाता है , जैसे – 3/2 , 3/4 , 4/2 आदि जिसे टाइम सिगनेचर (Time Signature ) कहते हैं । इसे ( Clef Signature ) के बगल में लिखते….

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राग रागिनी वर्गीकरण के मत shiv, krisna, bharat, hanuman-Raag Ragini

राग रागिनी

राग रागिनी वर्गीकरण – मध्यकाल की यह ख़ास बात थी कि कुछ रागों को स्त्री तो कुछ को पुरूष मानकर रागों की वंश – परम्परा मानी गई । इसी विचारधारा के आधार पर राग – रागिनी पद्धति का जन्म हुआ । राग रागिनी वर्गीकरण के 4 मत….

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राग भीम का परिचय Introduction of Raag Bhim/Bheem

राग भीम का परिचय

राग भीम का परिचय – इसे काफी थाट जन्य माना गया है । आरोह में ऋषभ – धैवत वर्ज्य तथा अवरोह में सातो स्वर प्रयुक्त होने से …

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MAJOR MINOR INTERVALS / स्वरांतर MUSIC THEORY

major minor intervals

11 Types of Intervals in Music MAJOR MINOR INTERVALS (स्वरांतर) – सप्तक या कहें Octave में प्रयुक्त किन्हीं भी दो स्वरों की दूरी को स्वरांतर ( इन्टरवेल ) कहते हैं । स्वरों के बीच का अंतर श्रुति अथवा स्वरांतर….

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Western Notation System in Hindi पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति के प्रकार

western notation system

स्वरलिपि पद्धति से क्या लाभ है ? आदि काल से आज तक के संसार की सम्पूर्ण स्वरलिपि पद्धतियों को मुख्य 4 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है ।
1. सोल्फा स्वरलिपि पद्धति ( Solfa Notation System ) 2. न्यूम्स स्वरलिपि पद्धति ( Neumes Notation System ) 3. ….

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लयकारी की परिभाषा क्या है ? कुआड़ क्या है ?Layakari

लयकारी

भारतीय संगीत में लयकारी क्या है ? – लयकारी का सम्बन्ध ताल से है , तबला, ढोलक, इत्यादि वाद्य यन्त्र जिनका उपयोग ताल देने के लिए होता है । गायक को भी ताल में ही गाना होता है । गायक गाने के समय अथवा वादक बजाते वक्त सर्वप्रथम एक लय निश्चित करता है और….

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How to write Staff Notation स्टाफ स्वरलिपि in Hindi ?

how to write staff notation

स्टाफ स्वरलिपि लिखने के लिए 11 समानांतर रेखाओं की सहायता से तीनों सप्तकों और प्रत्येक स्वरों को प्रदर्शित करने की सुविधा तो हो गई , किंतु प्रत्येक बार 11 रेखायें खींचनी पड़ती थी । अतः 11 रेखाओं के दो भाग किये गये । प्रत्येक में 5-5 रेखायें आईं और छठवीं….

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ग्राम की परिभाषा क्या है ? ग्राम के कितने प्रकार हैं ? Gram

ग्राम की परिभाषा

भरत ने केवल दो ग्रामों षडज ग्राम और मध्यम ग्राम का वर्णन किया है और गन्धार ग्राम को स्वर्ग स्थित बताया है । मतंग ने भी तीसरे ग्राम का नाम तो लिया , किन्तु उसे स्वर्ग – स्थित बताया । ग्राम से मूर्छना की रचना हुई है। ….

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मूर्छना का अर्थ क्या है ? मूर्छना किसे कहते हैं ? Murchana

मूर्छना

मूर्छना की परिभाषा- भरत के अनुसार क्रम से सात स्वरों का आरोह तथा अवरोह करने से मूर्छना बनती हैं । लेकिन प्रश्न यह उठता है कि किन सात स्वरों का आरोहावरोह किया जाए ? जवाब – यह है कि ग्राम के ….

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संगीत कला के प्रकार कितने है ? Types of Music Art ?

संगीत कला के प्रकार

भारतीय “कला के प्रकार” में आपने जाना कि संगीत कला सर्वश्रेस्ट कला है । इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय संगीत के प्रकार ( Types of Indian Music ) कितने है ? संगीत कला के 2 प्रकार हैं – 1. शास्त्रीय संगीत / Classical Music 2. भाव संगीत / Light Music ….

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खरज का रियाज -संगीत में नीचे के स्तर / लो नोट्स का अभ्यास Kharaj Practice

खरज-का-रियाज

खरज का रियाज या अभ्यास से आपकी वोकल मसल्स होती है । आपकी वोकल मसल्स जितनी मजबूत होगी आपके गायन में उतनी ही सुंदरता आती जाएगी । इसके कई फायदे हैं। इसके निरंतर अभ्यास से ….

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नाट्यशास्त्र भरत मुनि का शास्त्र – संगीत के अध्याय ) Natya Sastra – Bharat Muni

नाट्यशास्त्र-भरत-मुनि

यद्यपि नाट्यशास्त्र का विषय नाट्य है संगीत नहीं है फिरभी नाट्यशास्त्र को संगीत का आधार ग्रंथ माना जाता है । नाट्यशास्त्र में कुल अध्यायों की संख्या 36 है जिनमें 1-27 नृत्य से , 6 अध्याय ( अध्याय 28 से लेकर अध्याय 33 तक ) का संबंध संगीत से है ….

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