रस सिद्धान्त क्या है ? Ras Siddhant and Music.

रस सिद्धान्त

भारतीय संस्कृति में सौन्दर्य का लक्ष्य बिन्दु सुन्दरता ना होकर ‘ रस ‘ है । यह काव्य का मूल आधार ‘ प्राणत्व ‘ अथवा ‘ आत्मा ‘ है । रस आनन्द का स्रोत है , जिसकी संगीत में उत्पत्ति….

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कश्मीर का लोकसंगीत

कश्मीर का लोकसंगीत

कश्मीर को ‘ भारत का स्वर्ग ‘ कहा जाता है , जो उत्तर भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण क्षेत्र है । प्राकृतिक परिवेश ने कश्मीर के लोकजीवन को स्फूर्ति ही नहीं दी….

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हिमाचल प्रदेश का लोकगीत-Folk Song / Lokgeet Himachal

हिमाचल प्रदेश का लोकगीत

‘ हरे – भरे खेत , हिम शिखरों से सुसज्जित ऊंचे घने वृक्ष , स्वच्छ कल – कल बहती नदियाँ , हिमाचल प्रदेश का अद्वितीय श्रृंगार है । इसके अनुरूप यहाँ के बहुरंगी लोकगीत है….

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महाराष्ट्र का लोकसंगीत

महाराष्ट्र का लोकसंगीत

महाराष्ट्र का लोकसंगीत यहाँ के लोकसंगीत में विभिन्न अवसरों पर गाए जाने वाले विभिन्न लोकसंगीत प्रचलित हैं । धान कूटते समय , खेत खलियान में काम करते समय , कपड़े धोते समय तथा श्रावण माह में झूलते….

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दक्षिण भारतीय लोकसंगीत

दक्षिण भारतीय लोकसंगीत

दक्षिण भारतीय लोकसंगीत– South Indian Folk Music लावणी कहावोम्मन केचीलम्बू किरिकट्टी लोकगीत क्या है? Lokgeet की परिभाषा, उत्पत्ति, विकास एवं विशेषताएँ

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लोकनृत्य- भारत के विभिन्न प्रान्तों के लोकनृत्य – Loknritya

लोकनृत्य

लोकनृत्य के इस अध्याय में आप जानेंगे लोकनृय के प्रकार , लोकनृत्य के वर्गीकरण तथा भारत के सभी राज्यों में प्रचलित लोकनृत्य के बारे में विस्तार से….

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लोकवाद्य यन्त्र की विस्तृत जानकारी – Lok Vadya yantra

लोकवाद्य यन्त्र

लोक संगीत में लोकवाद्य का प्रमुख स्थान रहा है , यह इसका प्रमुख अंग है । इस अध्याय में हम लोक गीत संगीत में प्रयुक्त होने वाले लोकवाद्य यन्त्र के बारे में विस्तार से जानेंगे ….

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लोकगीत क्या है? Lokgeet की परिभाषा, उत्पत्ति, विकास एवं विशेषताएँ

लोकगीत

प्रत्येक प्रदेश के लोकगीत के अन्तर्गत संगीत की तीनों विधाओं ( गायन , वादन व नृत्य ) का समावेश होता है , जिनका सामूहिक रूप….

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लोकसंगीत की उत्पत्ति , विकास तथा वर्गीकरण- Lok Sangeet / Folk Music

लोकसंगीत की उत्पत्ति

भारतीय लोकसंगीत की उत्पत्ति , विकास तथा वर्गीकरण भारतीय लोकसंगीत का विकास मानव के सांस्कृतिक विकास के साथ तथा इसकी उत्पत्ति प्राकृतिक प्रक्रिया के साथ हुई । सांस्कृतिक….

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रवीन्द्र संगीत स्वरलिपि Notation- आकारमात्रिक स्वरलिपि

रवीन्द्र संगीत स्वरलिपि

रवीन्द्रनाथ टैगोर , भातखण्डे जी व उनके द्वारा रचित स्वरलिपि से अत्यधिक प्रभावित थे , परन्तु उन्हें लगा कि रवीन्द्र संगीत की गहराई को प्रकट करने में भातखण्डे स्वरलिपि समर्थ…

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देशी और मार्गी ताल पद्धति – Margi and Deshi Taal Paddhati

देशी और मार्गी ताल पद्धति

देशी और मार्गी ताल पद्धति मार्ग – देशी ताल मार्गी ताल वाद्य यंत्रों के प्रकार वर्गीकरण Musical instrument’s Classification- vadya yantra मार्गी ताल पद्धति कला -कला के …

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परन और उठान किसे कहते हैं ? Uthan and Paran

परन और उठान

उठान का शाब्दिक अर्थ है उठने की क्रिया । यह टुकड़ा या परन का एक विशेष प्रकार है । उठान टुकड़े की अपेक्षा जोरदार और परन की अपेक्षा छोटा होता है । इसका प्रयोग….

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