हरिप्रसाद चौरसिया जीवनी Biography Hariprasad Chaurasia
हरिप्रसाद चौरसिया जीवनी Biography • हरिप्रसाद चौरसिया का जन्म 1 जुलाई , 1938 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में हुआ ।
- Hariprasad Chaurasia के पिता श्री छेदीलाल चौरसिया पहलवान थे ।
- इनकी माता का देहान्त इनके बचपन में ही हो जाने के कारण इनका पालन पोषण इनके पिता ने ही किया हरिप्रसाद चौरसिया का बचपन गंगा किनारे बनारस में बीता
- हरिप्रसाद चौरसिया ने संगीत का मार्ग चुना और सभी प्रकार की बाधाओं का साहस के साथ सामना किया । इनकी शुरुआत तबला वादक के रूप में हुई , लेकिन 15 वर्ष की आयु में इन्होंने पण्डित राजाराम से गायन सीखना आरम्भ किया , किन्तु वाराणसी के विख्यात बांसुरी वादक पण्डित भोलानाथ को सुनने के बाद बासुरी वादन की और प्रवृत्त हुए तथा इनसे लगातार 8 वर्ष तक बासुरी वादन की शिक्षा प्राप्त की ।
- वर्ष 1962 से इन्होंने विदुषी श्रीमती अन्नपूर्णा देवी से संगीत की शिक्षा लेनी प्रारम्भ की , जिससे उनके संगीत में अधिक गम्भीरता और व्यापकता आ गई ।
संगीत में योगदान
- पण्डित चौरसिया के बाँसुरी वादन की सबसे बड़ी सम्पदा है ; फूंक को बुलन्दी एवं माधुर्य ‘ और ‘ स्वर – क्षेपण का बल ‘ । इसके अतिरिक्त नवसृजन की क्षमता कई बार रसिकों को चमत्कृत कर देती है ।
- पण्डित चौरसिया एक ओर परम्परावादी हैं और दूसरी ओर नवसृजक भी । शास्त्रीय संगीत के अतिरिक्त इन्होंने भारतीय लोकसंगीत , पॉप संगीत और पश्चिमी संगीत तक अपने वादन क्षेत्र का विस्तार किया है ।
- प्रसिद्ध सन्तूर वादक पण्डित शिवकुमार शर्मा के साथ मिलकर ‘ शिवहरि ‘ नाम से ‘ सिलसिला ‘ फिल्म का संगीत निर्देशन किया तथा चाँदनी , लम्हें , डर , परम्परा , फासले और साहिबान फिल्म में भी संगीत दिया ।
- इनका प्रायोगिक एलबम ‘ इटर्निटा ‘ है , जिसमें भारतीय शास्त्रीय रागों के साथ पश्चिमी तत्त्वों का भी समावेश किया गया है ।
- इन्होंने भारतीय एवं पश्चिमी संगीत के समन्वय से कई रिकॉर्ड बनाए है । इन्होंने जॉन कलाकार जॉन मैक्सलिन और जॉन गारबेरक के साथ ओस्लो में कॉम्पैक्ट डिस्क तैयार की ।
- इन्होंने पण्डित जसराज , विदुषी किशोरी अमोनकर , पण्डित शिवकुमार शर्मा , उस्ताद जाकिर हुसैन , डॉ . बाल मुरली कृष्ण आदि के साथ जुगलबन्दी पेश की तथा पश्चिमी वादकों के साथ वाद्य वृंद / वृंद वादन (आर्केस्ट्रा/ Orchestra) का भी संचालन किया ।
सम्मान • पुरस्कार
- पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया को कई देशी तथा विदेशी पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया , जिनमें कुछ प्रमुख
- – संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार , 1984
- कोणार्क सम्मान , 1992
- महाराष्ट्र गौरव सम्मान , 1990
- पद्म भूषण सम्मान , 1992
- – यशभारती सम्मान , 1994
- कालिदास सम्मान , 1999
- पद्म विभूषण सम्मान , 2000
- – उस्ताद हाफिज अली खाँ सम्मान , 2002 आदि ।
- संगीत की समृद्धि और उठान परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य निरन्तर कर रहे है ।
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