Music Theory

घराने से सम्बंधित शैली के विषय में -Gharana

घराने से सम्बंधित शैली – प्रत्येक घराने की अपनी एक विशेष/ सम्बंधित शैली होने के कारण उसमें कुछ विशेष रूप से ध्यान रखना पड़ता है ; जैसे – गीत की बन्दिशें, आलाप लगाने का ढंग ताल एवं बोल, तानों का…

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अन्तर्राष्ट्रीय टैगोर पुरस्कार – कला एवं संगीत

कला एवं संगीत के क्षेत्र में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान अन्तर्राष्ट्रीय टैगोर पुरस्कार – भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए ललित कलाओं की उन्नति के लिए विभिन्न नीति , कार्यक्रम , राष्ट्रीय सम्मान तथा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान दिया जाता है । भारत…

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ग्रैमी पुरस्कार क्या है ? Grammy Award

ग्रैमी पुरस्कार क्या है ? ग्रैमी अवार्ड से अनेक भारतीय कलाकारों को भी पुरस्कृत किया गया है । ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय कलाकार पं . रविशंकर थे । उन्हें वर्ष 1968 में संगीत के क्षेत्र में…

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घराना परम्परा के गुण एवं दोष – Merits & Demerits of Gharana

घराना परम्परा के गुण एवं दोष- संगीत में घराना से तात्पर्य एक विशेष स्थान पर प्रचलित अथवा व्यक्ति विशेष द्वारा प्रवर्तित संगीत की रीति या शैली से है । घराना परम्परा के गुण एवं दोष घराना परम्परा के माध्यम से…

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मुगलकाल में संगीत कला- Mughal kaal me Sangeet (7/9)

आरम्भ के राजनैतिक आन्तरिक विघटन के कारण मुगल काल ऐसा रहा कि हम अपने अस्तित्व को सुदृढ़ नहीं रख सके । 1526 ई . में की विजय हिन्दुस्तान के कुछ हिस्सों में….

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कर्नाटक संगीत स्वरलिपि पद्धति- karnataka Sangeet Swarlipi Paddhati

कर्नाटक संगीत भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम कर्नाटक संगीत अधिकतर भक्ति संगीत के रूप में होता है और अधिकतर रचनाएँ हिन्दू देवताओं को सम्बोधित….

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उत्तरी दक्षिणी गीत शैली- तुलना , बन्दिशों का स्वरूप Geet Shaili

उत्तरी व दक्षिणी गीत शैली दोनों पद्धतियों में अपनी शैलियाँ तथा उनके प्रस्तुतीकरण का अपना विशेष ढंग है । दक्षिण में 17 वीं शताब्दी में पण्डित वेंकटमखी के समय तक….

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उत्तर दक्षिण संगीत पद्धति- भारतीय Sangeet Paddhati

हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत का विकास मूलरूप से भिन्न – भिन्न सिद्धान्तों पर हुआ है क्योंकि कर्नाटक संगीत मुख्यतः निबद्ध रूप में गाया जाता है और हिन्दुस्तानी संगीत में केवल….

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हिन्दुस्तानी कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता, तुलना- Sangeet Paddhati

हिन्दुस्तानी संगीत पद्धति व कर्नाटकी संगीत पद्धति में समानता- दोनों पद्धतियाँ 1300 ई . के बाद अलग – अलग होने लगी , इसका कारण विदेशी प्रभाव है , विभिन्नता होते हुए भी समता अधिक है….

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राग उपयोगिता का सिद्धान्त – Raag Benefits

संगीत का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के मन का रंजन करना है । किसी भी प्रकार के गायन व वादन की सार्थकता वहीं सिद्ध हो जाती है , जब संगीत को सुनकर या गा – बजाकर….

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राग का अर्थ परिभाषा – Raag ka Arth / Paribhasha

राग की परिकल्पना प्राचीनकाल में जाति गायन का प्रचलन था , परन्तु आधुनिक काल में राग गायन प्रचलित है या हम कह सकते हैं कि जाति गायन का स्थान आज राग गायन ने….

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ताल के 10 प्राण क्या हैं ? दस Praan of TaaL

ताल के 10 प्राण – नारद कृत ‘ संगीत मकरन्द ‘ में ताल के 10 प्राण का वर्णन इस प्रकार दिया गया है – कालो मार्ग क्रियाअंग ग्रहो जाति कला लया । यति प्रस्तार कश्चयोति ताल प्राणान् दशस्मृता ।।….

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संगीत में ताल किसे कहते हैं ? समपदी तथा विषमपदी ताल – TaaL

संगीत में ताल का मुख्य स्थान है । वास्तव में ताल ही संगीत का आधार है । जिस प्रकार मानव शरीर में प्राण तत्त्व का अभाव हो जाए , तो वह मिट्टी के समान हो जाता है , ठीक उसी…

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संगीत उत्पत्ति का आधार – प्राकृतिक/मनोवैज्ञानिक /वैज्ञानिक/धार्मिक आधार (ॐ)

संगीत के जन्म के सम्बन्ध में जितने भी अभिमत प्राप्त हुए हैं, वे प्रायः प्राकृतिक, धार्मिक, मनोवैज्ञानिक अभिमत से प्राप्त तथ्य है, जिनके पूर्णरूप प्रभाव एवं साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं । परन्तु उनको ही सांगीतिक उत्पत्ति का आधार मानकर ही…

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स्वतन्त्रता पश्चात् भारतीय संगीत का पश्चिमी देशों में प्रसार – Indian music

भारत में वर्ष 1947 में स्वतन्त्रता के बाद जब से अपनी राष्ट्रीय सरकार स्थापित हुई तब से देश में संगीत का प्रचार तीव्र गति से बढ़ रहा है । स्कूल और संगीत कॉलेजों के पाठ्यक्रम में संगीत विषय….

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संगीत का सम्बन्ध विषयों से( अन्य विषय ) Different Subjects and Music

– प्राचीनकाल में शिक्षा सभी विषयों को पृथक् – पृथक् करके दी जाती थी । लेकिन जैसे – जैसे शिक्षा दर्शन के क्षेत्र का विकास हुआ , तो यह धारणा विकसित हुई है कि सभी विषयों में कहीं न कहीं…

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कला के 64 प्रकार- कामसूत्र के रचयिता : वात्स्यायन – Kala ke 64 Prakar

वात्स्यायन या मल्लंग वात्स्यायन प्राचीन भारतीय दार्शनिक थे , जिनका समय गुप्तवंश के समय ( छठी शताब्दी से सातवीं शताब्दी ) माना जाता है । उन्होंने ‘ कामसूत्र ‘ और ‘ न्यायसूत्र भाष्य आदि ग्रन्थों….

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सौन्दर्यशास्त्र क्या है ? What is Aesthetics in Music ?

सौन्दर्य का अर्थ है – इन्द्रिय सुख की चेतना । सौन्दर्यशास्त्र मानव की कला , चेतना और तत्सम्बन्धी आनन्दानुभूति का विवेचन व विश्लेषण प्रस्तुत करता है । मनुष्य जीवन….

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स्वर , लय, ताल और रस का सम्बन्ध – Taal and Ras Siddhant

स्वर , लय और ताल से रस का सम्बन्ध – शब्द , लय , स्वर और ताल मिलकर संगीत में रस की उत्पत्ति करते हैं । साहित्य में छन्द की विविधता एवं संगीत में ताल और लय के सामंजस्य….

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भाव और रस- Bhaw and Ras

नाट्य सिद्धांत के एक प्राचीन ग्रंथ ( कार्य ) नाट्यशास्त्र में भरतमुनि द्वारा रस के साथ – साथ भाव को भी खूबसूरती से चित्रित किया गया है । रस का आस्वाद भाव के माध्यम से प्रेषक के हृदय….

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संगीत और रस – Music and Ras

संगीत एवं रस स्वरों को उच्च और दीप्त करने से व लय के द्रुत स्वरों के अपकर्ष आदि से हास्य , शृंगार , करुण , वीर , रौद्र , अद्भुत , भयानक तथा वीभत्स आदि रसों की सृष्टि में सहायता….

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रस के प्रकार या भेद (विस्तृत वर्णन)-Ras ke Prakar

रसों के सन्दर्भ में एक निश्चित मत का अभाव है , जिसके कारण कहीं 10 रस की चर्चा है , तो कहीं 11 रस की चर्चा की जाती है । मुख्य रूप से रस के 10 प्रकार हैं , जो…

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रस सिद्धान्त क्या है ? Ras Siddhant and Music.

भारतीय संस्कृति में सौन्दर्य का लक्ष्य बिन्दु सुन्दरता ना होकर ‘ रस ‘ है । यह काव्य का मूल आधार ‘ प्राणत्व ‘ अथवा ‘ आत्मा ‘ है । रस आनन्द का स्रोत है , जिसकी संगीत में उत्पत्ति….

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संगीत में कायदा क्या है ? What is Kayda in music ?

संगीत में कायदा का मतलब क्या है ? कायदा फारसी भाषा का शब्द है , इसका अर्थ विधान , नियम , ढंग , तरीका , विधि है । संगीत में कायदा की परिभाषा क्या है?….

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