एन राजम् जीवनी Biography in Hindi – Dr. N Rajam

डॉ. एन. राजम् की जीवनी Biography of N Rajam

डॉ . एन राजम् जीवनी Biography – सुप्रसिद्ध वायलिन वादिका डॉ . एन . राजम् का जन्म वर्ष 1938 में चेन्नई में संगीतज्ञों के परिवार में हुआ । •

  • इनके पिता श्री ए नारायण अय्यर कर्नाटक संगीत के एक अच्छे वायलिन वादक थे ।
  • एन राजम् को बचपन से ही संगीत का वातावरण मिला , जिसमें इनके पिता का वायलिन वादन का योगदान प्रमुख था । अत : बचपन से ही इस वाद्य की ओर उनका झुकाव होना स्वाभाविक था ।
  • पाँच वर्ष की अवस्था से इनकी संगीत की शिक्षा प्रारम्भ हुई , जिसमें इनके प्रथम गुरु इनके पिता थे । कुछ वर्ष तक इनकी शिक्षा कर्नाटक संगीत की हुई ।
  • आगे इन्हें सेण्ट्रल कॉलेज ऑफ कर्नाटक म्यूजिक के भूतपूर्व प्रिंसिपल श्री मूसिरि सुब्रह्मण्यम अय्यर से सीखने का अवसर मिला ।
  • ” एन राजम् ने अपनी स्नातक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से तथा परास्नातक प्रयाग संगीत समिति से की ।
  • इन्होंने पण्डित ओंकारनाथ से भी संगीत की शिक्षा ग्रहण की ।

संगीत में योगदान

  • एन राजम् ने 15 वर्ष की उम्र से ही वायलिन वाद्य का प्रदर्शन करना आरम्भ कर दिए । इनकी वादन शैली गायिकी का अंग है ।
  • श्रीमती एन राजम् वायलिन पर विलम्बित और द्रुत ख्याल के माध्यम से गायिकी अंग का प्रदर्शन करती हैं । इनका वायलिन सुनकर ऐसा लगता है जैसे कोई संगीतज्ञ स्वयं गा रहा है ।
  • एन राजम् रेडियो और दूरदर्शन के अखिल भारतीय संगीत सम्मेलनों में अपना वादन कर चुकी हैं तथा देश के सभी प्रसिद्ध तबला वादकों के साथ संगीत भी दे चुकी हैं , जिनमें किशन महाराज , गुदई महाराज , छोटेलाल मिश्र , ईश्वर लाल मिश्र , उस्ताद जाकिर हुसैन आदि हैं ।
  • इन्होंने जुगलबन्दी प्रदर्शन भी किया है , जिनमें कुछ प्रमुख कलाकारों में विद्वान् टी एन कृष्णन एवं बिस्मिल्लाह खाँ प्रमुख हैं । एन राजम् ने लगभग 40 वर्षों तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की संगीत संकाय में अध्यापन का कार्य किया ।

सम्मान • पुरस्कार

  • सम्मान प्रो . राजम् केवल भारत में ही नहीं विदेशों में भी अपने वादन से श्रोताओं को प्रभावित कर चुकी हैं , इनमें रूस , जर्मनी , चेकोस्लोवाकिया , अमेरिका , कनाडा और फ्रांस उल्लेखनीय हैं ।
    • वर्ष 1984 में पद्मश्री सम्मान
    • वर्ष 1990 में संगीत नाटक एकादमी पुरस्कार
    • वर्ष 2004 पद्मभूषण सम्मान
    • वर्ष 2004 में पुहाराजा सम्मान आदि से सम्मानित की गई हैं ।

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