किशन महाराज जीवनी Biography in Hindi, संगीत में योगदान Kisan Maharaj

पण्डित किशन महाराज जीवनी Biography of Kisan Maharaj

पण्डित किशन महाराज जीवनी Biography • किशन महाराज का जन्म 3 सितम्बर , 1923 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के कबीर चौक मुहल्ले में एक संगीतज्ञ परिवार में हुआ था ।

  • कृष्ण जन्माष्टमी पर आधी रात को जन्म होने के कारण इनका नाम किशन रखा गया ।
  • इनकी प्रारम्भिक शिक्षा पिता पण्डित हरि महाराज की देखरेख में हुई । पिता के देहान्त के बाद इनके चाचा एवं पण्डित बलदेव सहाय के शिष्य पण्डित कण्ठे महाराज ने शिक्षा का कार्यभार सम्भाला ।
  • इन्होंने तबले के तीनों अंगो – नृत्य , गायन और वादन ( संगत और स्वतन्त्र वादन ) में किशन महाराज को शिक्षा प्रदान की ।
  • पण्डित किशन महाराज ने हर विद्या के शीर्षस्थ कलाकारों की सफल संगति की है और इनका एकल वादन भी श्रवणीय होता था ।
  • 4 मई , 2008 को लय व स्वर का यह साधक ब्रह्म में लीन हो गया ।

संगीत में योगदान

  • पण्डित किशन महाराज एक श्रेष्ठ कलाकार होने के साथ – साथ अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता भी थे । वह एक अच्छे गुरु , लेखक एवं वक्ता आदि थे ।
  • किशन महाराज की रुचि बचपन से ही कठिन लयकारियों और विषम प्रकृति के तालों की ओर रही है । बोलो का शुद्ध और सार्थक विकास इनकी विशेषता है । तबले के गणित एवं उसकी भाषा दोनों पर इनका समान अधिकार था ।
  • किशन महाराज अपनी बनाई हुई खास ‘ तिहाइयों ‘ के लिए संगीत जगत में आदर का स्थान पाते हैं । तबले की एक – एक थाप में मिठास घोलने के लिए नए – नए प्रयोग करना उनकी विशेषता थी ।
  • किशन महाराज को तबले के साथ – साथ घुड़सवारी , पतंगबाजी , काव्य रचना , चित्रकारी और गहरेबाजी ( बनारसी इक्कों की दौड़ ) में भी महारव हासिल थी ।
  • किशन महाराज जी वज्रासन में बैठकर वीर मुद्रा में तबला बजाते थे ।
    अपनी सभी व्यस्तताओं के बावजूद महाराज जी अपनी विधा को अपने शिष्यों में उदारतापूर्वक बाँटते रहे हैं । उनके प्रमुख शिष्यों में उनके पुत्र पूरण महाराज , नन्दन मेहता , कुमार बोस , अनिल पालित , कपिल देव सिंह , महेन्द्र सिंह , शिवकुमार सिंह , सुखविन्दर सिंह और नामधारी सन्दीपदास आदि विशेषकर उल्लेखनीय है ।

सम्मान • पुरस्कार

  • अनेक राष्ट्रीय – अन्तर्राष्ट्रीय मंचो पर सक्रिय किशन महाराज जी ने कई कलात्मक फिल्मों में तबला वादन किया । इन्हें कई सम्मानों से भी सम्मानित किया गया , जिनमें कुछ प्रमुख है –
    • – वर्ष 1973 में पदमश्री सम्मान .
    • वर्ष 1984 में केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
    • – वर्ष 1986 में उस्ताद इनायत अली खान पुरस्कार
    • – वर्ष 2002 में दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार
    • – वर्ष 2002 में पद्मविभूषण सम्मान
    • – वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश रत्न पुरस्कार

प्रमुख वादक कलाकार ( भारतीय संगीत में ) Vadak / Instrumentalist

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