विष्णु गोविन्द जोग जीवनी Biography in Hindi, (Violin) Vishnu Govind Jog

पण्डित विष्णु गोविन्द जोग की जीवनी Biography of Pt. Vishnu Govind Jog

विष्णु गोविन्द जोग जीवनी – वी जी जोग का जन्म वर्ष 1922 में मुम्बई ( महाराष्ट्र ) में हुआ था । इनकी प्रारम्भिक शिक्षा एस सी अठावले और गणपतराव पुरोहित से हुई ।

12 वर्ष की उम्र में इन्होंने वायलिन का प्रशिक्षण उस्ताद अलाउद्दीन खान एवं पण्डित एस एन रतनजंकर से प्राप्त किया ।

● पण्डित जोग का लम्बी बीमारी के बाद 31 जनवरी , 2004 को दक्षिण कोलकाता में निधन हो गया ।

संगीत में योगदान

  • पण्डित जोग को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के एक प्रमुख वाद्ययन्त्र ‘ वायलिन ‘ को प्रतिस्थापित करने का श्रेय दिया जाता है ।
  • इन्होंने तीन गायन शैलियों को एकीकृत धारा में मिश्रित किया जिनमें ग्वालियर , आगरा और घरानों में तैयार रागों को मिश्रित कर ‘ गणाकी – कोण ‘ और ‘ तांत्रकारी – कोण ‘ का एक ताजा मिश्रण तैयार किया गया ।
  • पण्डित जोग ने दुनिया के प्रमुख संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन किया , जिनमें कार्नेगी हॉल , लिंकन सेण्टर और न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन अनेक शानदार प्रदर्शन के स्थान थे ।
  • इन्होंने कुछ प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ संगत की , जिनमें फैयाज खान , बड़े गुलाम अली , ओंकारनाथ ठाकुर और केसरबाई केटकर इत्यादि प्रमुख हैं ।
  • इन्होंने अली अकबर कॉलेज ऑफ म्यूजिक में अध्यापन का भी कार्य किया तथा ऑल इण्डिया रेडियो के कोलकाता डिविजन के लिए भी प्रदर्शन किया ।
  • वर्ष 1944 में प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘ बेहाला शिक्षा ‘ संगीत विषय पर आधारित साहित्य के एक प्रमुख भाग के रूप में जानी जाती है ।

सम्मान • पुरस्कार

  • • सम्मान • पण्डित विष्णु गोविन्द जोग को उनके संगीत के प्रति योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया , जिनमें कुछ प्रमुख हैं –
    • – वर्ष 1980 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
    • वर्ष 1983 में पद्मभूषण सम्मान

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