सुगम संगीत का अर्थ है वह संगीत जो सीखने में आसान है और जिसे सरलता से गाया तथा बजाया जा सकता है । सुगम संगीत को भारतीय संगीत विद्या का ही एक भाग कह सकते हैं । इसे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के नियम या किसी खास नियमों में….
– प्राचीनकाल में शिक्षा सभी विषयों को पृथक् – पृथक् करके दी जाती थी । लेकिन जैसे – जैसे शिक्षा दर्शन के क्षेत्र का विकास हुआ , तो यह धारणा विकसित हुई है कि सभी विषयों में कहीं न कहीं समान तत्त्व….
माण्डूकी शिक्षा -मोर षड्ज में बोलता है । गौ ऋषभ में रम्भाती है । बकरी गान्धार में बोलती है । क्रौंच पक्षी मध्यम में बोलता है…
नारदीय शिक्षा-अंगूठे के बाहर क्रुष्ट स्वर होता है । अँगूठे में मध्यम स्वर होता है । अंगूठे के बाद वाली उँगली पर गान्धार स्वर , बीच वाली…
रविंद्र संगीत का सम्बन्ध सीधे तौर से गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी से तथा भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से है । गुरुदेव जटिल रागों और छंदों को सरल रूप में प्रस्तुत करने में विश्वास रखते थे । कई जटिल संगीत और साहित्य को सरल बनाने का….
एक वाद्ययंत्र बजाना हमारे भावनाओं तथा एहसासों को जोड़ सकता है और दूसरों को ख़ुशी दे सकता है । हम शांति, सुकून,अनजाने एहसासों में खुदको इस प्रक्रिया द्वारा जोड़ सकते हैं । आप जैसे ही म्यूजिक प्रैक्टिस करने का विचार ….
म्यूजिक का मनोविज्ञान Psychology को समझना ऐसा है जैसे हम खुदको यानि इंसानी शरीर तथा इंसानी दिमाग को समझ रहे हों । Psychology और Musicology यह दोनों विभाग म्यूजिक का मनोविज्ञान के अभिन्न अंग जैसे माने गए हैं । हमारे लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ये आखिर काम कैसे करता है ….
Music / संगीत क्या कर सकता है ? क्या म्यूजिक आपके हुनर (Skill) को बढ़ा सकता है, आपकी रचनात्मकता (Creativitty) बढ़ा सकता है ? क्या आपको ऐसा लगता है कि हाँ संगीत में ऐसी ताकत है, इतनी शक्ति है कि आपकी सोंच को सच में बदल दे ….
आप जानते हैं इस युग में सभी स्वर्ग, मोक्ष इत्यादि की भावना से लिप्त है परंतु वह तो बाद की प्रक्रिया है । उससे पहले की प्रक्रिया क्या है ? वह शब्द क्या है ? जिसे हम ढूंढ रहे हैं ।
शायद आप इससे ज्यादा परिचित ना हो पर आपको यकीन करना होगा कि ….