लालमणि मिश्र जीवनी Biography संगीत में योगदान, सम्मान, Lalmani Misra

पंडित लालमणि मिश्र जीवनीBiography

पंडित लालमणि मिश्र जीवनी Biography of Pandit Lalmani Misra

  • लालमणि मिश्र जीवनी – श्रेष्ठ संगीतकार , शास्त्रकार और शिक्षक लालमणि मिश्र का जन्म 11 अगस्त 1924 को कानपुर , उत्तर प्रदेश में हुआ था ।
  • संगीत की प्रेरणा इनको अपनी माता से प्राप्त हुई थी । बचपन में इन्होंने पण्डित शंकर मह व मुशी भृगुनाथ से ध्रुपद और धमार की परम्परागत शिक्षा प्राप्त की ।
  • रामपुर – सेनीय घराने के उस्ताद मेहँदी हुसैन खान से इन्होंने ख्याल गायन सीखा । ध्रुपद , भजन और तबला की शिक्षा स्वामी प्रमोदानन्द जी से प्राप्त की ।
  • उस्ताद अमीर अली खाँ से अनेक संगीत वाद्यों ; जैसे – सितार , सुरबहार , सरोद , सन्तूर , जलतरंग , वायलिन आदि की शिक्षा प्राप्त की ।
  • 17 जुलाई , 1979 को पण्डित लालमणि मिश्र की मृत्यु हो गई ।

संगीत में योगदान

  • लालमणि मिश्र ने संगीत की शिक्षा के साथ – साथ विश्वविद्यालय की शिक्षा भी ग्रहण की । इन्होंने संगीत से एम . ए तथा पी.एच.डी. की ।
  • ” इन्होंने कानपुर में ‘ गाँधी संगीत महाविद्यालय की स्थापना की तथा इसके प्राचार्य बने । वर्ष 1940-44 तक कानपुर के चिल्ड्रन्स म्यूजिक रिसर्च के संस्थापक अध्यक्ष , कानपुर ऑर्केस्ट्रा सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष तथा संगीत परिषद् के सचिव भी रहे ।
  • वर्ष 1950-54 तक प्रसिद्ध नर्तक उदयशंकर की नृत्य मण्डली के साथ संगीत निर्देशक के रूप में विश्व भ्रमण किया ।
  • वर्ष 1958 में पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर के आग्रह पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संगीत संकाय में आगमन व वादन विभाग के अध्यक्ष पद पर आसीन हुए ।
  • मिश्रजी ने कई नवीन रागों की भी रचना की , जिनमें सामेश्वरी , मधुभैरव , मधुकली , श्याम विहाग , बालेश्वरी , जोगतोड़ी व आनन्द भैरव प्रमुख है ।
  • शास्त्रीय संगीत की लुप्त होती ‘ ध्रुपद – परम्परा ‘ को पुनर्जीवित करने हेतु इन्होंने वर्ष 1975 के काशी के तुलसीघाट पर ध्रुपद मेले का आयोजन प्रारम्भ किया । ‘ भारतीय संगीत वाद्य का अध्ययन ‘ मिश्रजी के शोधकार्य की उपलब्ध पुस्तक है । इसके अतिरिक्त उनकी कुछ अन्य कृतियाँ भी हैं , जिनमें संगीत सरिता , तबला विज्ञान और तन्त्रीनाद उल्लेखनीय हैं ।
  • पण्डित लालमणि मिश्र के प्रमुख शिष्यों में डॉ . गोपाल शंकर मिश्र ( सितार ) , लक्ष्मी गणेश तिवारी ( गायन ) , आनन्द शंकर ( सितार ) , ओमप्रकाश चौरसिया ( सन्तूर ) , रामप्रसाद शास्त्री ( वायलिन ) , डॉ . रागिनी त्रिपाठी ( सितार ) इत्यादि ।

सम्मान

पण्डित लालमणि मिश्र को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा वर्ष 1971-72 में विचित्र वीणा के प्रमुख कलाकार के रूप में सम्मानित किया गया । 

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