राग मांड का परिचय – Raag Maand ka Parichay
राग मांड का परिचय in hindi – अगर आप राजस्थान जाते हैं और वहां के गीतों में गौर करेंगे तब आप आसानी से समझ जाएंगे की इस राग का राजस्थान से क्या रिश्ता है । राजस्थानी मांड यहाँ की मिट्टी में समाया हुआ राग है । आपने यहाँ का बेहद लोकप्रिय यह गाना जरूर ही सुना होगा ” पधारो म्हारे देस ” । यह राग मांड पर ही आधारित है । राग मांड की जानकारी अगर हो तो आप राजस्थान के किसी भी कोने में चले जाएँ, यहाँ के लोकगीतों में आपको इस राग की झलक दिख ही जाएगी ।
यह राग सुनने में तो बहुत ही सरल है परन्तु गाने बजाने के दृष्टिकोण से यह काफी जटिल, कठिन राग है । मांड को बिलावल थाट जन्य माना गया है । इसकी चलन वक्र है । आरोह – अवरोह में सातों स्वर प्रयोग किये जाते हैं । अतः इसकी जाति वक्र – सम्पूर्ण है । इसमें वादी स्वर सा (षडज) और सम्वादी प ( पंचम ) है ।
यह चंचल और क्षुद्र प्रकृति का राग है । यह सर्वकालीन राग है । इसमें सा (षडज) , म (मध्यम) और प ( पंचम ) स्वर विशेष महत्व के हैं । आरोह में रे और ध स्वर दुर्बल कर देते हैं । कहा जाता है कि यह मालवा के एक लोक गीत पर आधारित है । कभी – कभी निषाद पर आन्दोलन भी करते हैं । इसमें म सा की संगति महत्वपूर्ण है ।
राग मांड के स्वर
राग मांड के स्वर – वादी स्वर सा (षडज) और संवादी स्वर म (मध्यम) हैं । कुछ कलाकार संवादी स्वर प (पंचम) को मानते हैं । ठीक वैसे ही कभी कभी कुछ कलाकार इस राग में कोमल ‘ नि ’ का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि इस राग मांड में दो आरोह – अवरोह इस्तेमाल किये जाते हैं । इस राग को कभी भी किसी भी समय गाया बजाया जा सकता है। इस राग के दोनों आरोह-अवरोह कुछ इस प्रकार हैं –
आरोह– सा ग रे म ग प म ध प नि ध सां ।
अवरोह– सां ध नि प ध म प ग म सा ।
स्वर (मुख्य) – ध नी प, ध म, प ग रे, सा रे ग सा
आरोह- सा रे म प ध सां
अवरोह- सां नी ध प, प ग रे, सा रे गा, सा
राग मांड पर आधारित हिंदी फ़िल्मी गाने ( Hindi Film Song on Raag Maand )
अब तो है तुमसे हर ख़ुशी अपनी ( फिल्म – अभिमान ) ,
बचपन की मोहब्बत को दिल से न जुदा करना ( फिल्म – बैजू बावरा )
केसरिया बालमा ( फिल्म – लेकिन) ,
तू चंदा मैं चांदनी ( फिल्म – रेशमा और शेरा )
जो मै जानती बिसारत ( फिल्म – शबाब )
राग पहाड़ी का परिचय और हिंदी फ़िल्मी गीत in Bollywood – Raag Pahadi
ऊपर दिए गए राग पहाड़ी के लिंक पर क्लिक करके पढ़ें , बेहद ही उम्दा राग है यह , आपको मै बता दूँ कि
Black & white सिनेमा का 50% से ज्यादा गाने ” राग पहाड़ी “ में बने हैं । सारे गाने एक से बढ़कर एक बेहतरीन गाने हैं ,
जैसे – लग जा गले, कभी कभी मेरे दिल में, फ़िल्म चांदनी का गीत – तेरे मेरे होंठो पे मीठेे-मीठेे गीत मितवा, “मेरा जीवन कोरा कागज़, कोरा ही रह गया ” । सिलसिला फ़िल्म का गाना – ‘नीला आसमां सो गया‘ और ‘देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए‘ इत्यादि
राग आसा का परिचय (ਰਾਗ ਆਸਾ) हिंदी में – Raag Asa in Hindi
सप्त स्वर ज्ञान से जुड़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद ।
Very wonderful good information!