प्रसार भारती क्या है ? आकाशवाणी
प्रसार भारती क्या है ?- • भारत में सर्वप्रथम रेडियो का प्रसारण वर्ष 1923 में कोलकाता के एक क्लब द्वारा किया गया था । इसके बाद बम्बई रेडियो क्लब द्वारा प्रसारण किया गया , जो वर्ष 1926 में इण्डियन ब्रॉडकास्टिंग कम्पनी बनाकर किया गया।
• वर्ष 1936 में प्रसार भारती का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया गया।
• वर्ष 1947 में आजादी के समय भारत में कुल 6 रेडियो स्टेशन मुम्बई , कोलकाता , दिल्ली , चेन्नई , लखनऊ और चण्डीगढ़ कार्य कर रहे थे ।
• वर्तमान समय में रेडियो स्टेशन की संख्या 450 से अधिक है।
• वर्ष 1957 में विविध भारती का आगमन हुआ । वर्तमान में विविध भारती के 43 केन्द्र है।
• इस समय रेडियो की पहुँच 92 % भारतीय भू – भाग और 98 % भारतीय जनता तक है।
• भारत में टेलीविजन का प्रसारण वर्ष 1959 में एक प्रायोजित परियोजना के रूप में दिल्ली में एक केन्द्र खोलकर किया गया।
• प्रारम्भ में टेलीविजन में शैक्षणिक कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता था , बाद में समाचार व मनोरंजन के लिए किया गया।
• वर्ष 1982 में रंगीन टेलीविजन का प्रसारण प्रारम्भ हुआ।
• 15 अगस्त , 1984 को सम्पूर्ण देश में एकसाथ दैनिक राष्ट्रीय कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारम्भ हुआ।
प्रसार भारती कानून ( विधान )
• रेडियो और दूरदर्शन को स्वायत्तता देने वाले वर्तमान प्रसार भारती का विधान वर्ष 1990 में भारतीय प्रसारण निगम के अन्तर्गत निगमित किया गया है। इस विधान में कुल चार अध्याय थे और 35 उप – धाराओं में बटे थे। अधिनियम के अनुसार रेडियो दूरदर्शन का प्रबन्धन एक निगम द्वारा किया जाएगा और यह निगम एक 15 सदस्यीय बोर्ड ( परिषद् ) द्वारा संचालित होगा।
• परिषद् में एक अध्यक्ष , एक कार्यकारी सदस्य , एक कार्मिक सदस्य , छ : अंशकालिक सदस्य , एक – एक पदेन महानिदेशक ( आकाशवाणी और दूरदर्शन ) तथा सूचना और प्रसारण मन्त्रालय का एक – एक प्रतिनिधियों का प्रावधान है । अध्यक्ष व अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाएगी ।
• प्रावधानों के अनुसार यह प्रसार भारती बोर्ड सीधे संसद के प्रति उत्तरदायी होगा और साल में एक बार अपनी वार्षिक रिपोर्ट संसद के समक्ष संसद में प्रस्तुत करेगा ।
प्रसार भारती के उद्देश्य
प्रसार भारती के उद्देश्यों को निम्नवत् रूप से देखा जा सकता है –
- • देश की एकता और अखण्डता तथा संविधान में वर्णित लोकतन्त्रात्मक मूल्यों को बनाए रखना ।
- • सार्वजनिक हित के सभी मामलों की सत्य व निष्पक्ष जानकारी , उचित तथा सन्तुलित रूप से जनता तक पहुँचाना । शिक्षा तथा साक्षरता की भावना का प्रचार – प्रसार करना ।
- • विभिन्न भारतीय संस्कृतियों व भाषाओं के पर्याप्त समाचार प्रसारित करना ।
- • स्पर्द्धा के लिए खेल – कूद के समाचारों को भी पर्याप्त स्थान देना ।
- • महिलाओं की वास्तविक स्थिति तथा समस्याओं को उजागर करना ।
- • युवा वर्ग की आवश्यकताओं पर ध्यान देना ।
- • छुआछूत , असमानता तथा शोषण जैसी सामाजिक बुराइयों का विरोध करना और सामाजिक न्याय को प्रोत्साहन देना ।
- • श्रमिकों और बच्चों के अधिकार की रक्षा करना ।
इससे सूचना प्रसारण मन्त्रालय अपने जनसंचार के माध्यम जैसे – रेडियो , टेलीविजन , फिल्म , प्रकाशन , नृत्य , संगीत व नाटक आदि के माध्यम से लोगों तक सूचना पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, तानसेन व कालिदास सम्मान
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