हेमलता / बेबी लता Biography, फिल्म फेयर विजेता (1977)

हेमलता – एक गुमनाम सितारा

हेमलता – “रामायण” Singer Biography in Hindi – हिंदुस्तान की एक महान कलाकार। ‘बेबी लता’ से बनी ‘हेमलता‘ . आज के इस लेख में हम बात करेंगे अपनी मधुर मखमली आवाज से सभी पर जादू बिखेरने वाले पार्शव गायिका हेमलता की । भारतीय सिनेमा में उनके अनूठे गीत उन्हें अन्य गायिकाओं से अलग पहचान दिलाते हैं। उनकी गीत आज भी कानों में रस घोल देते हैं।

रामानंद सागर की टीवी सीरियल ” रामायण ” का गाना – हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की यह रामायण है पुण्य कथा श्री राम की । यह एक गाना जो हमारे दिलों को भीतर से आनंद विभोर कर देता है । आपने जरूर सुना होगा , अगर नहीं तो जरूर सुनें ।

इतनी प्रतिभा होने के बावजूद क्यों इन्हे इतनी शोहरत न मिल पायी ? क्यों इनका नाम गुमनामी के पन्नो में दर्ज है ?

क्यों इतनी महान गायिका को महज कुछ लोग ही जानते हैं ? क्यों इनका जिक्र ज्यादा नहीं हुआ ?

इन्ही सब बातों को जानते है , जानते हैं प्रतिभा संपन्न हेमलता जी के बारे में।

हेमलता जी का जन्म हुआ 16 अगस्त 1954 को हैदराबाद में । लेकिन उनका परिवार मूलरूप से राजस्थान के चुरू जिले के सेहला गांव का निवासी है । उनका असली नाम लता भट्ट है लेकिन फिल्म जगत ने इन्हे नाम दिया हेमलता। गाना –जब तक पूरे ना हो फेरे साथ यह दुल्हन नहीं दूल्हा की , फिल्म – नदिया के पार।

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हेमलता जी का बचपन

हेमलता जी को बचपन से ही गायकी पसंद थी। लेकिन उनके पिताजी ने उन्हें बिलकुल भी प्रोत्साहित नहीं किया। क्योंकि वह हेमलता को संगीत के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देना चाहते थे। उनका परिवार रूढ़िवादी संस्कृति में डूबा हुआ था । और पूरी तरह से हेमलता जी के संगीत सीखने के खिलाफ था। परिवार में संगीत का माहौल भरपूर था। पिताजी भी शास्त्रीय संगीत के प्रकांड विद्वान थे। लेकिन यह संगीत बेटियों के लिए नहीं था । शायद यह इनके संघर्ष का सबसे कठिन दौर था। इनका ये संघर्ष आगे भी रहा । आगे जानते हैं कैसे इन्होने इस मुश्किल का सामना किया।

हेमलता जी का जूनून

बचपन में हेमलता दुर्गा पूजा में होने वाले संगीत के कार्यक्रमों में छुप छुप कर गाया करती थी । वे परिवार का दिल नहीं दुखाना चाहती थी । वे परिवार के खिलाफ बिलकुल नहीं जाना चाहती थी , पर खुद को गाने से रोक नई पाती थी।

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मात्र 12 साल की उम्र में ही मौका मिला लता जी, किशोर कुमार, हेमंत दा आदि दिग्गज कलाकारों के साथ स्टेज पर गाने का । हेमलता को जब यह मौका मिला तो उन्होंने साबित कर दिया कि उनका जन्म सिर्फ गायकी के लिए हुआ है।

गाना – कई दिन से मुझे कोई सपनों में आवाज देता था हर पल दिल आता था अच्छा तो वह तुम हो तुम हो तुम हो । गाने के तौर पर इन्होने रहीम के दोहों को गाकर अपने मधुर आवाज से जीवंत कर दिया । गाना – बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल रहिमन हीरा कब कहे लाख टका मेरा मोल रहीमा ।

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बचपन के इस छोटी उम्र में ही लता जी, किशोर कुमार, हेमंत दा आदि दिग्गज कलाकारों के साथ स्टेज पर गाने इन्होने गाए । लोगों ने हेमलता को काफी पसंद किया । इन दिग्गज कलाकारों के साथ गाने के दौरान उनके आवाज का जादू कुछ ऐसा चला कि लोगों ने इनका नाम करण कर दिया । फलस्वरूप हेमलता , बेबी लता के नाम से मशहूर हो गई। गाना – जोगी जी वाह जोगी जी वाह गाना इनका गाया हुआ है

हेमलता जी की संगीत शिक्षा

खुद की प्रतिभा और संगीत के प्रति रुझान के चलते इन्होने जो ख्याति पानी शुरू की । उससे उनके परिवार पे भी असर होना शुरू हो गया । अब इनके परिवार ने इनके संगीत सीखने पर थोड़ा नरम रुख अपनाया ।

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इनकी प्रतिभा को सबसे पहले पहचाना संगीतकार नौशाद साहब ने । नौशाद पहले संगीत निर्देशक थे जिन्होंने उनके साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया कि हेमलता लगातार 5 साल तक मेरे लिए गाएंगी । साथ ही साथ मैं हेमलता को संगीत का प्रशिक्षण भी दूंगा।

यह बात फिल्म जगत में आग की तरह फैल गई और उनके घर पर बड़े-बड़े संगीतकारों का तांता लगने लगा । सब बेबी लता को अपनी फिल्म में गवाना चाहते थे । मगर 5 साल का लंबा इंतजार और इधर फिल्मों में तुरंत गाने का ऑफर ।आखिर नौशाद साहब के साथ किया गया उनका अनुबंध टूट गया और उषा खन्ना की फिल्म रुप रुपैया में इन्होंने अपना पहला गाना गाया । उस समय इनकी उम्र थी महज 14 साल

बेबी लता’ से बनी ‘हेमलता

जिस दिन बेबी लता उषा खन्ना की फिल्म रुप रुपैया में गाना गाया ,उसी दिन इन्होंने कल्याणजी आनंदजी के लिए अपना दूसरा गाना – ले चल मेरे जीवन साथी मुकेश जी के साथ गाया। उसके बाद एसडी बर्मन लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, सलिल चौधरी, चित्रगुप्त एक से बढ़कर एक गीतकार के साथ काम किया।

बेबी लता, हेमलता के नाम से इंडस्ट्री में अपना पैर जमाने लगी।

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तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है जहां भी जाऊं यह लगता है तेरी महफिल है। 1976 में रविंद्र जैन ने इनसे फकीरा फिल्म के लिए गीत गवाया । गाना – चल चला चल अकेला चल चला चल । इस गाने की पापुलैरिटी उनके कैरियर का अहम मोड़ साबित हुआ। उनके कैरियर ने बड़ी लीग में प्रवेश किया । उसी वर्ष रविंद्र जैन ने राजश्री बैनर के के तले चितचोर के लिए हेमलता जी के आवाज का इस्तेमाल किया।

हेमलता को फिल्मफेयर (1977 )

गाना – तू जो मेरे मन को घर बना ले मन लगा ले तू बंदगी हो जाए सफल तू जो मेरे सुर में । इस गाने के लिए हेमलता जी को 1977 का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। ये 5 बार फिल्मफेयर के लिए नामित हुई ।

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इस बीच इनके प्रति राजनीति का सिलसिला भी शुरू हुआ । वह उस दौर में अपना सिक्का जमा रही थी जब संगीत जगत में बड़े-बड़े नाम स्थापित हो चुके थे । इसके लिए उन्हें काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा लेकिन इन सबके बावजूद भी हेमलता ने अपने अनूठी आवाज की गुणवत्ता पर खुद को स्थापित किया ।

80 – 90 का दशक

राजश्री प्रोडक्शन के साथ उनका बहुत बड़ा जुड़ाव था । उन्होंने 80 और 90 के दशक में राजश्री प्रोडक्शन की विभिन्न फिल्मों में कई गाने गाए। गाना – कौन दिशा में लेकर चला रे बटोहिया यह गाना उनके जीवन में एक और मील का पत्थर साबित हुआ । इसके बाद इनका एक और गाना आया अंखियों के झरोखे से । अंखियों के झरोखों से वर्ष 1978 का नंबर वन गीत बना । गीत है अंखियों के झरोखे से का टाइटल सॉन्ग अंखियों के झरोखे से तूने देखा जो सांवरे तू दूर नजर आए बड़ी दूर नजर आए। वह इस गीत के लिए फिल्मफेयर के लिए भी नॉमिनेट हुई ।

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हेमलता – लता मंगेशकर का विकल्प

इन फिल्मों के बाद ही हेमलता को लता जी के विकल्प के रूप में देखा जाने लगा रविंद्र जैन के सहयोग से उन्होंने भारतीय शास्त्रों पर आधारित अधिकांश फिल्मों के लिए व्यापक रूप से गाया रामायण चौपाइयां , कबीर दोहा, सुंदरकांड और विभिन्न भक्ति गीतों को उन्होंने गाया।

इसके अलावा उन्होंने रामानंद सागर की टीवी सीरियल रामायण के लिए अपनी आवाज दी हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की यह रामायण है पुण्य कथा श्री राम की । एक सीरियल में वह अभिनय भी करती नज़र आयीं । वह एक एपिसोड में पारंपरिक मीरा भजन पायो जी मैं तो राम रतन धन पायो गाती नजर आए।

हेमलता जी का निजी जीवन

अब बात करते हैं इनकी निजी जीवन की इनकी शादी योगेश बाली के साथ हुई जो बाल कलाकार के रूप में प्रसिद्ध थे । लिवर की बीमारी के चलते इनके पति योगेश बाली की मौत 25 जनवरी 1988 को हो गई । उनका एक बेटा है जिसका नाम है आदित्य बाली ।

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हेमलता जी ने कई भाषाओं में 5000 से अधिक गाने गाए । 38 से ज्यादा भाषाओँ में इन्होने गाने गाये । करीब 3 दशकों तक इन्होंने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक नायाब नगमे दिए ।

पाकिस्तानी गायक अताउल्लाह खान के साथ इन्होंने 3 एल्बम के लिए गाने गाए परंतु इनमें से दो एल्बम रिलीज ही नहीं हुई। हेमलता जी ने यह दावा किया कि अत्ताउल्लाह खान इनके द्वारा गाए एक गाने को अनु मलिक को दे दिया । उस गाने को अनु मलिक ने हीरो हिंदुस्तानी फिल्म के लिए किसी और सिंगर से गवाया था ।

हालांकि ऐसी घटनाएं हेमलता जी के साथ पहले भी कई बार हो चुकी थी । वो इन सब चीजों की आदि हो चुकी थी , पर साथ ही साथ परेशान भी ।

हेमलता जी की बॉलीवुड से विदाई के बाद

हेमलता जी 1999 में फिल्मी दुनिया को बाय-बाय कह गई । बॉलीवुड से विदाई लेकर वे मेक्सिको चली गई । वहां इन्होने अपने म्यूजिक इंस्टिट्यूट के जरिए लोगों को संगीत सिखाने का काम करने लगी । 2015 में कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित उनका गाना मां मुझे आने दे चर्चा में रहा ।

वह एकमात्र भारतीय फिल्म पार्श्व गायिका है जिसने अमेरिका जैसे देश में एक संगीत अकैडमी शुरू की । उनकी अकैडमी भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत के प्रचार और प्रसारण के साथ साथ हॉलीवुड लॉस एंजेल्स से लेकर पूरी दुनिया में संगीत का प्रचार प्रसार कर रही है।

इनके बारे में जानने के बाद आपको इनके ढेर सारे गाने याद आ रहे होंगे जो निश्चित ही आपके पसंदीदा गानों में से एक होंगे । अब महसूस कर रहे होंगे कि आप इनके गानों से परिचित तो थे पर हेमलता जी से नहीं । इस महान गायिका की संगीत के इस सफर ने मेरे दिल को काफी परेशान किया है । इस लेख को पड़ने के बाद । शायद आप भी सोंच में पड़ गए होंगे ।

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मुझे अनुमान है कि अब आप जब भी हेमलता के गाने सुनेंगे इनका नाम आपके जेहन में जरूर आएगा ।

5,000 से अधिक गानों के लिस्ट बताना संभव नहीं है । मै आपको इनके करियर के कुछ ख़ास गाने की सूची नीचे दे रहा हूँ ।

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यह रही इनके द्वारा गए कुछ गानों की सूची

  • गाना – बड़े बड़ाई ना करें बड़े न बोले बोल रहिमन हीरा कब कहे लाख टका मेरा मोल रहीमा ।
  • गाना – कई दिन से मुझे कोई सपनों में आवाज देता था हर पल दिल आता था अच्छा तो वह तुम हो तुम हो तुम हो ।
  • गाना – ले चल मेरे जीवन साथी मुकेश जी के साथ गाया।
  • गाना – कौन दिशा में लेकर चला रे बटोहिया ।
  • गीत – टाइटल सॉन्ग – अंखियों के झरोखे से तूने देखा जो सांवरे तू दूर नजर आए बड़ी दूर नजर आए ।
  • रामानंद सागर की टीवी सीरियल रामायण – हम कथा सुनाते राम सकल गुण धाम की यह रामायण है पुण्य कथा श्री राम की ।
  • 2015 में कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित उनका गाना – मां मुझे आने दे ।
  • गाना – जब तक पूरे ना हो फेरे साथ यह दुल्हन नहीं दूल्हा की , फिल्म – नदिया के पार ।
  • गाना – ले चल मेरे जीवन साथी ।
  • गाना – कौन दिशा में लेकर चला रे बटोहिया ।
  • गीत – अंखियों झरोखे से का टाइटल सॉन्ग अंखियों के झरोखे से तूने देखा जो सांवरे तू दूर नजर आए बड़ी दूर नजर आए ।

Hemlata Hindi Film Song List गानों की सूची

जब दीप जले आना , जब शाम ढले आना   –  चितचोर · 1976
कई दिन से मुझे   –  अँखियों के झरोखों से ( 1978
अँखियों के झरोखों से   –  टाइटल सांग (1978)
Le Toh Aaye Ho Hame Sapno  –  Dulhan Wahi Jo Piya Man Bhaaye ( 1977)
Jab Tak Pure Na Ho Phere Saat  –  Nadiya Ke Paar · 1948
गणपति बाप्पा मोरिया   –  मरते दम तक · 1987
कौन दिशा में लेके चला   –  नदिया के पार · 1982
तू इस तरह से   –  आप तो ऐसे न थे · 1980
तू जो मेरे सुर में   –  chitchor · 1976
माँ जय माँ दुर्गा   –  माँ जय माँ दुर्गा ( नवरात्री Special) · 2017
तारे कितने नील गगन पे तारे   –  आप आये बहार आई · 1971
ले चल मेरे जीवन साथी   – विश्वास (1969
सात सहेलियां   – विधाता · 1982
हम ख्वाब को बदल देंगे   –  ख्वाब
अकेला चल चला चल   –  फकीरा · 1975
गणपति बाप्पा   –  दाता तेरे कई नाम , Vol. 5 · 2017
मेघा ओ रे मेघा   –  सुनयना · 1978 
एक दिन तुम बहुत बड़े बनोगे   –  अँखियों के झरोखों से ( 1978)
गूंजा रे चन्दन   –  नदिया के पार · 1982 
बबुआ ओ बबुआ   –  नदिया के पार · 1948 
चंदा को ढूंढ़ने   –  जीने की राह · 1969 
होने लगा है   –  Parakh · 1982 
चितचोर तेरी बंसुरिया   –  तुलसी · 1985    
वफ़ा जो न की तो   –  मुक़द्दर का सिकंदर · 1978 
सजना ओ सजना –  दुल्हन वही जो पिया मन भाये ( 1977)
खुशियां ही खुशियां   –  दुल्हन वही जो पिया मन भाये ( 1977)
तू जो मेरे सुर   –
Dohavali  –  Ankhiyon Ke Jharokhon Se (1978 
सुन के तेरी पुकार   –  फकीरा · 1975 
गूंजा रे   – नदिया के पार · 1948 
जा रे जा रे दीवाने   –  कच्चे धागे · 1973

एक और महान पार्श्व गायिका , इन्हे भी पढ़ें ।

शारदा राजन आयंगर – Biography फिल्मफेयर विजेता 1970

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