अहमद जान थिरकवा खाँ की जीवनी Biography Ahmad Jaan Thirkwa Khan
अहमद जान थिरकवा खाँ जीवनी – हिन्दुस्तानी संगीत के प्रमुख कलाकार उस्ताद अहमद जान थिरकवा खाँ • इनका जन्म 1892 ई . की उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में हुआ था । ये संगीत घराने से सम्बन्धित थे ।
- अहमद जान को संगीत के संस्कार घर में ही मिले ।
- पिता हुसैन खांबख्श स्वयं एक कलाकार थे तथा इनके चाचा शेरा नाना कलन्द्र बख्श , मामा फैयाज खां व बसवा खां गुणी कलाकार थे ।
- अहमद जान को शुरुआती शिक्षा उनके घर पर मिली तथा सर्वप्रथम उन्होंने सारंगी बजाने की शिक्षा ली । लेकिन जब उन्होंने मुनीर खान को तबला बजाते हुए देखा तो उनकी इच्छा तबला बजाने की हुई तथा उन्होंने तबला ही सीखना प्रारम्भ किया ।
- तबले पर इनकी थिरकती अंगुलियों के कारण ये ‘ थिरकवा ‘ उपनाम से प्रसिद्ध हुए । इनको ये उपनाम गुरु काले खान के द्वारा मिला ।
- उस्ताद थिरकवा साहब की इच्छा थी कि जब तक जिन्दा हूँ , तबला बजाता रहूँ तथा अपनी अन्तिम साँस लखनऊ में लूं ।
- इनकी ये दोनों इच्छाएँ पूर्ण हुई । इनका निधन 13 जनवरी , 1976 को लखनऊ में हुआ ।
संगीत में योगदान
- अहमद जान को एक कुशल कलाकार के रूप में पहली लोकप्रियता तब मिली जब उन्होंने बाल गन्धर्व की प्रसिद्ध ‘ महाराष्ट्र नाटक कम्पनी ‘ में तबला वादन शुरू किया उस्ताद को रामपुर सहित अनेक राजाओं का राज्याश्रय मिला ।
- थिरकवा खाँ साहब चारों पट के तबला वादक थे । ये स्वतन्त्र वादन और संगीत दोनों में ही दक्ष थे । ‘ दिल्ली और फर्रुखाबाद बाज उन्हें विशेष प्रिय था और इन दोनों ही वादन शैलियों में उन्हें पूर्ण दक्षता प्राप्त थी ।
- अहमद जान साहब ने लखनऊ स्थित भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय में प्राध्यापक पद पर भी कार्य किया । पेशकार वादन के उपरान्त खाँ साहब ‘ दिल्ली अजराड़ा ‘ एवं फर्रुखाबाद के कायदे प्रस्तुत किया करते थे ।
- थिरकवा साहब के वादन के कई रिकॉर्ड आकाशवाणी के पास सुरक्षित हैं । इनके सोलो वादन के कई ग्रामोफोन रिकॉर्ड उपलब्ध है , जिनमें इनके वादन की झलक आज भी मिलती है ।
सम्मान • पुरस्कार
- थिरकवा साहब उस पीढ़ी के कलाकार थे , जहां से तबला वादक को समुचित और वास्तविक सम्मान मिलना शुरू हुआ । इनको अनेक सम्मान एवं उपाधियाँ मिली । उनमें से कुछ इस प्रकार है –
- -वर्ष 1954 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
- -वर्ष 1953-54 में राष्ट्रपति पुरस्कार
- -वर्ष 1970 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण सम्मान ( प्रथम तबला वादक )
- खाँ साहब तबले के महान कलाकार थे तथा इनके शिष्यों में निखिल घोष , लाल जी गोखले , प्रेम वल्लभ , सूर्यकान्त गोखले , एम बी भिड़े , नारायण राव जोशी , मोहनलाल जोशी , प्रो . सुधीर वर्मा , अहमद मियाँ , सरवत हुसैन , रामकुमार शर्मा आदि ।
आगे आने वाली और भी महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए बने रहें सप्त स्वर ज्ञान के साथ । आपका धन्यवाद ।
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