राग की जाति का नामकरण तथा वर्गीकरण Raag ki jati, Vargikaran

राग की जाति – रागों के वर्गीकरण के आधार पर राग की जाति का नामकरण किया जाता है । आपने ” थाट और राग में अंतर, गुण, उत्त्पत्ति ” को पढ़ा । इस लेख में हम आपके मन के कुछ सवालों के जवाब ढूंढ लेंगे जैसे –

राग की जाति

सवाल – संगीत में कितनी जाति होती है ? राग की कितनी जातियां होती हैं ? षाडव जाति का राग क्या होता है ? औडव जाति का राग क्या होता है ? सात स्वरों के राग की जाति क्या कहलाती है ? संपूर्ण षाडव जाति में कितने स्वर होते हैं ? षाडव जाति में कितने स्वर लगते हैं ? राग की तीनों जातियों के मेल से कितनी जातियां बनती हैं?

जवाब – इनका वर्गीकरण 3 × 3 = 9 प्रकार की raag ki jaati हुई । तो इन 9 प्रकार की जातियों के नाम भी होंगे । हमें जानना है कि वह 9 नाम कौन से हैं । इस नामांकरण को समझने के लिए आपको (औडव , षाडव और संपूर्ण) शब्द से परिचित होना पड़ेगा तो यह है क्या ?

संगीत शास्त्र के इस नामांतरण विधि में ज्ञात हो कि –

5 को हम औडव कहते हैं ।

6 को हम षाडव कहते हैं ।

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7 को हम संपूर्ण कहते हैं ।

रागों का वर्गीकरण

रागों का गुण यह भी है कि –

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राग में आरोह व अवरोह का होना आवश्यक है, राग में आरोह – अवरोह होता है । बढ़ते क्रम में – घटते क्रम में , अंग्रेजी में कहें तो ascending order – descending order में

किसी राग में कम से कम 5 स्वर, या 6 स्वर या 7 स्वर जरूर उपस्थित रहता है ।

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चुकि हमारे पास 5,6,7 तीन प्रकार के स्वर वाले राग हैं । आरोह तथा अवरोह को देखें तो अब इनका वर्गीकरण 3 × 3 = 9 प्रकार से हो सकता है ।

(5-5),(5-6),(5-7) , (6-5),(6-6),(6-7) , (7-5),(7-6),(7-7)

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5 स्वर वाले रागों के साथ ( रागों का वर्गीकरण )

उदाहरण – (5 स्वर वाले रागों के साथ )

  • पहला प्रकार- आरोह में 5 स्वर ,अवरोह में 5 स्वर।
  • दूसरा प्रकार – आरोह में 5 स्वर अवरोह में 6 स्वर ।
  • तीसरा प्रकार – आरोह में 5 स्वर अवरोह में 7 स्वर ।

6 स्वर वाले रागों के साथ ( रागों का वर्गीकरण )

इसी प्रकार (छः स्वर वाले रागों के साथ)

  • पहला प्रकार- आरोह में 6 स्वर ,अवरोह में 5 स्वर।
  • दूसरा प्रकार – आरोह में 6 स्वर अवरोह में 6 स्वर ।
  • तीसरा प्रकार – आरोह में 6 स्वर अवरोह में 7 स्वर ।

7 स्वर वाले रागों के साथ ( रागों का वर्गीकरण )

इसी प्रकार (सात स्वर वाले रागों के साथ)

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  • पहला प्रकार- आरोह में 7 स्वर,अवरोह में 5 स्वर।
  • दूसरा प्रकार – आरोह में 7 स्वर अवरोह में 6 स्वर ।
  • तीसरा प्रकार – आरोह में 7 स्वर अवरोह में 7 स्वर ।

नामकरण :- राग की जातियों के नाम

तो इसतरह 3 भाग में 3 तरह के जातियों के नाम बनेंगे । मतलब 3 × 3 = 9 नाम हमे प्राप्त होंगे ।

यहां पांच, छह, सात स्वरों की संख्या है तथा यह

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(5-5), (5-6), (5-7) ।  (6-5), (6-6), (6-7)  । (7-5), (7-6), (7-7)   क्रमशः (आरोह-अवरोह) हैं।

  • 1. औडव -औडव 2.औडव -षाडव 3.औडव – संपूर्ण । (5-5), (5-6), (5-7) क्रमशः (आरोह-अवरोह) हैं।
  • 4. षाड़व- औडव 5. षाडव -षाडव 6.षाडव – संपूर्ण । (6-5), (6-6), (6-7) क्रमशः (आरोह-अवरोह) हैं।
  • 7. संपूर्ण – औडव 8. संपूर्ण – षाडव 9. संपूर्ण – संपूर्ण । (7-5), (7-6), (7-7) क्रमशः (आरोह-अवरोह) हैं।

इसे सरल रूप में समझें >>

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पहला (5-5), दूसरा (5-6), तीसरा (5-7)   – 1 .(औडव -औडव) 2.(औडव -षाडव) 3.(औडव – संपूर्ण )

चौथा (6-5), पांचवा (6-6), छठा (6-7)  – 4. ( षाडव-औडव ) 5 ( षाडव -षाडव ) 6.( षाडव – संपूर्ण )

सांतवा (7-5), आंठवा (7-6), नवा (7-7) – 7 ( संपूर्ण – औडव ) 8 ( संपूर्ण – षाडव ) 9 ( संपूर्ण – संपूर्ण )

सारे रागों की जाति इन्ही 9 नामों से पुकारी जाएगी ।

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1औडव -औडव6षाडव – संपूर्ण
2औडव -षाडव7संपूर्ण – औडव
3औडव – संपूर्ण8संपूर्ण – षाडव
4षाड़व- औडव9संपूर्ण – संपूर्ण
5षाडव -षाडव
राग की जातियों के नाम

तो पाठकों मैं आशा करता हूं आप ” राग की जाति “ को समझ चुके होंगे । तो चलिए आगे चलते हैं कुछ और शास्त्र ज्ञान बढ़ाने की ओर । याद रहे, ध्यान रहे इस प्रकार हैं –

शास्त्र ज्ञान से आपकी पृष्ठभूमि उदार और गंभीर बनती है।

रागों का समय सिद्धांत Raag Time अध्वदर्शक स्वर, परमेलप्रवेशक राग

राग रागिनी वर्गीकरण के मत shiv, krisna, bharat, hanuman-Raag Ragini

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आशा करता हूँ यह लेख आपको पसंद आया होगा , तो जुड़े रहे ” सप्त स्वर ज्ञान ” के साथ । धन्यवाद

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