इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र – Kala Kendra

इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र

• इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र संस्था की स्थापना भूतपूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय श्रीमती इन्दिरा गाँधी की स्मृति में 19 नवम्बर , 1985 को पूर्ण सहायता प्राप्त स्वायत्तशासी ( ट्रस्ट ) के रूप में की गई ।

• इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला को व्यापकता प्रदान करने के लिए कलानिधि, कलाकोश, जनपद सम्पदा, कलादर्शन तथा सूत्रधार के रूप में प्रभाग स्थापना की गई ।

• इस संस्था के द्वारा कला के विभिन्न रूप तथा विविध कलाओं को एक साथ मंच प्रदान किया जाता है, जहाँ उनके बीच रचनात्मक संवाद स्थापित किया जा सके ।

• स्वाधीनता के उपरान्त भारत सरकार द्वारा विद्यालयी स्तर पर भारतीय कला और संस्कृति के लिए प्रयास किए गए । उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री बी . जी . खरे द्वारा वर्ष 1948-49 में संगीत समिति की स्थापना की गई ।

• सरकार और शिक्षाविदों के प्रयास से संगीत विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में महत्त्व प्रदान हुआ ।

• वर्ष 1948-49 में जत्थार समिति और वर्ष 1952-53 में मुदालियर समिति ने संगीत को बढ़ावा देने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम से उच्चतम माध्यमिक डिग्री तक संगीत को पढ़ाए जाने की अनुशंसा की ।

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• राष्ट्रीय शिक्षा नीति , 1986 के अन्तर्गत प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालयों के लिए संगीत पाठ्यक्रम पर स्पष्ट रूप से बल दिया गया ।

• वर्ष 1989 में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नई योजना के अनुसार पहली से 10 वीं तक एक स्वतन्त्र और आवश्यक पाठ्यक्रम के रूप में शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया गया ।

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• इस प्रकार , 20 वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में घरानों के समय में संगीत शिक्षा , जो केवल रागों व अनेकानेक गेय विधाओं के रूप को शास्त्रीय मत के अनुसार सुरक्षित रखने तक ही सीमित थी , वह अब अनेक रूपों में चिन्तन का विषय बनकर शिक्षण पद्धति की नवीन धारा से सम्मिलित हो गई ।

संगीत शिक्षण पद्धति – संस्थागत शिक्षण प्रणाली और गुरु शिष्य परंपरा क्या है ?

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