How to write Staff Notation – – इस स्वरलिपि में स्वरों के नाम नहीं लिखे जाते , बल्कि उनके लिये अन्डाकार चिन्ह बनाये जाते हैं । यह चिन्ह या तो किसी एक रेखा पर बनाया जाता है अथवा दो रेखाओं के बीच बनाया जाता है ।
प्रथम अवस्था में इस चिन्ह से उस स्वर का बोध होगा जिस रेखा पर वह चिन्ह बनाया गया है और दूसरी अवस्था में उसी चिन्ह से दो रेखाओं के बीच के स्वर का बोध होगा ।
उदाहरण के लिये ग , जिसे स्टाफ पद्धति में ( E ) कहते हैं , की रेखा पर अन्डाकार चिन्ह बनाने से ग ( E ) का बोध होगा और ग, प ( E ,G ) रेखाओं को स्पर्श करते हुए अन्डाकार चिन्ह बनाने से म ( F ) का बोध होगा ।
स्टाफ स्वरलिपि लिखने की विधि
स्टाफ स्वरलिपि लिखने के लिए ग्यारह समानांतर रेखाओं की सहायता से तीनों सप्तकों और प्रत्येक कंठ के स्वरों को प्रदर्शित करने की सुविधा तो हो गई , किंतु प्रत्येक बार 11 रेखायें खींचनी पड़ती थी ।
कभी – कभी जब केवल दो – चार स्वरों को लिखना होता था तो भी ग्यारह रेखायें खींचनी पड़ती थी । अतः सरल बनाने का प्रयत्न किया गया । 11 रेखाओं के दो भाग किये गये । प्रत्येक में 5-5 रेखायें आईं और छठवीं दोनों विभागों में समान ( Common ) मानी गई । इन दो विभागों से दो सप्तक बने । आवश्यकतानुसार किसी भी सप्तक का प्रयोग केवल 5 रेखायें खींचकर हो सकता था । आगे जानते हैं –
Clef Signature
नीचे दिए चित्र को देखें यह मोटे तौर से दो भागों में विभाजित है ।
पहला भाग ट्रेबिल क्लेफ ( Treble Clef ) या G क्लेफ और दूसरा भाग बास क्लेफ ( Bass Clef ) या F क्लेफ कहलाता है । ट्रेबिल क्लेफ में नीचे से क्रमशः सा , ग , प , नि , रें और मं की रेखायें होती हैं और बास क्लेफ में ऊपर से सा , ध , म , रे , नि , प की रेखायें होती हैं ।
दोनों क्लेफ में बाई ओर अलग – अलग प्रकार के जो चिन्ह बने हैं , या कहें कि दोनों सप्तकों में अन्तर प्रदर्शित करने के लिये 5 रेखाओं के प्रारंभ में एक विशिष्ट प्रकार का चिन्ह बना देते हैं उन्हें क्लेफ सिगनेचर ( Clef Signature ) कहते हैं ।
ट्रेबिल क्लेफ में मध्य और तार सप्तक (Middle and High Octave) के स्वर दिखाये जाते हैं और बास क्लेफ में मंद्र और अति मन्द्र सप्तक(Low and Lower Octave) के स्वर दिखाये जाते हैं ।
इसमें सुविधा यह हुई कि रेखाओं के ऊपर ट्रेबिल अथवा बास क्लेफ लिखने की आवश्यकता नहीं हुई । आजकल ट्रेबिल क्लेफ से ही काम चला लेते हैं । आगे के चित्र में दोनों सप्तकों के चिन्ह देखिये ।
Leger Lines – Staff Notation
प्रारम्भ में स्टाफ नोटेशन में अगर एक भी स्वर लिखने हो तो उसके लिये 11 रेखायें खींचनी पड़ती थी । उन्होंने बाद में यह अनुभव किया कि मन्द्र अथवा अति मन्द्र सप्तक के स्वरों का प्रयोग बहुत कम होता है , इसलिये उन लोगों ने इसे सरल बनाने की एक युक्ति निकाली ।
ट्रेबिल क्लेफ तथा बास क्लेफ को बिल्कुल अलग कर दिया और एक क्लेफ से ही काम चलाने लगे । क्लेफ से अधिक स्वरों की आवश्यकता पड़ने पर ऊपर या नीचे अलग से अतिरिक्त रेखा खींचने लगे और उनको लेजर लाइन ( Leger Lines ) कहने लगे ।
आवश्यकतानुसार लेजर लाइन की संख्या बढ़ाई जा सकती है । उसमें कोई प्रतिबन्ध नहीं है ।
उम्मीद करता हूँ आप समझ गए होंगे How to write Staff Notation.
Western Notation System in Hindi पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति