लता मंगेशकर की जीवनी – भारत की सबसे सम्मानित गायिकाओं में से एक लता मंगेशकर, जिन्होंने अपने जीवनकाल में हजारों गाने गाए, आप सभी संगीत प्रेमियों को यह जान कर बेहद दुःख होगा कि आज 6 – फ़रवरी – 2022 को “सिनेमा जगत की कोकिला ” का निधन हो गया ।
नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरी आवाज ही पहचान है,गर याद रहे
विषय - सूची
लता मंगेशकर की जीवनी ( 92 Years )
92 वर्ष की आयु में लता मंगेशकर का निधन हो गया। उन्हें जनवरी में मुंबई शहर के एक अस्पताल में कोविड -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद भर्ती कराया गया था। उसका इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि उसकी मौत मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से हुई है।
मंगेशकर का अर्धशतक से अधिक का असाधारण करियर था, जिसमें उन्होंने 36 भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए। लेकिन यह बॉलीवुड, भारत के हिंदी फिल्म उद्योग में उनका काम था, जिसने उन्हें एक राष्ट्रीय प्रतीक बना दिया।
भारत सरकार ने रविवार से दो दिनों के शोक की घोषणा की है, जिसके दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उसे एक राजकीय अंतिम संस्कार भी दिया जाएगा – तारीख और स्थान की घोषणा अभी नहीं की गई है। जैसे ही खबर आई, मंगेशकर को श्रद्धांजलि देना शुरू हो गया, जिन्हें अक्सर “बॉलीवुड की कोकिला” कहा जाता था।
श्रद्धांजलि : स्व. लता मंगेशकर
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि यह खबर “मेरे लिए दिल तोड़ने वाली है, क्योंकि यह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है” और कहा कि उनके गीतों में “पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई”।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मंगेशकर की मृत्यु ने “हमारे देश में एक शून्य छोड़ दिया जिसे भरा नहीं जा सकता”।
उन्हें 1999 में भारत की संसद के ऊपरी सदन के लिए नामित किया गया था, लेकिन बाद में कहा कि वह इसे लेने के लिए “अनिच्छुक” थीं और उनका कार्यकाल “खुश के अलावा कुछ भी” था।
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए स्वर्गीय दिलीप कुमार ने एक बार कहा था, “जिस तरह एक फूल की सुगंध का कोई रंग नहीं होता, एक बहता हुआ वसंत या ठंडी हवा किसी देश की नहीं होती, एक मासूम बच्चे की मुस्कान का कोई धर्म नहीं होता, उसी तरह लता मंगेशकर की आवाज प्रकृति की रचनात्मकता का चमत्कार है।”
हेमा मालिनी : लता मंगेशकर इतनी बड़ी कलाकार और व्यक्तित्व हैं। मैंने 200 फिल्मों में काम किया है और मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने उनके द्वारा गाए गए हिट गानों पर परफॉर्म किया। उनके जैसा कोई नहीं गा सकता, वह बहुत खास थीं। उनका निधन बहुत दुखद है ।
श्रेया घोषाल : कल सरस्वती पूजा थी और आज माँ ने उसे अपने साथ ले लिया। किसी तरह ऐसा लगता है कि आज पक्षी, पेड़ और हवा भी खामोश हैं। स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी आपकी दिव्य आवाज अनंत काल तक गूंजती रहेगी। शांति से आराम करें।
उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले में बच्चे बड़े सभी शामिल हैं । उनके चाहने वाले भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में हैं ।
लता दीनानाथ मंगेशकर की जीवनी Biography, भारतरत्न 2001
- ● लता मंगेशकर की जीवनी Biography- लता दीनानाथ मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर , 1929 को इन्दौर , मध्य प्रदेश में हुआ था । यह दीनानाथ और शेवंती मंगेशकर के पाँच बच्चों में सबसे बड़ी बेटी हैं , जो एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार से थीं ।
- परिवार का उपनाम हर्डीकर था , लेकिन दीनानाथ ने इसे बदलकर मंगेशकर रखा , ताकि उनका नाम उनके पारिवारिक गाँव मंगेशी , ( गोवा ) का प्रतिनिधित्व करे ।
- ● जन्म के समय लता का नाम ‘ हेमा ‘ रखा गया था , लेकिन बाद में उनका नाम बदलकर लता रखा गया था । इनके चार भाई – बहन थे , तीन बहनें मीना , आशा और उषा और एक भाई हृदयनाथ ।
- लता जी ने अपने पिता से संगीत का प्रशिक्षण लिया तथा उस्ताद अमानत अली खान , पण्डित तुलसीदास शर्मा और अमान अली खान साहब जैसे शास्त्रीय संगीतकारों से प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
- जब यह छोटी थीं तो के . एल . सहगल के संगीत से प्रेरित हुई थीं । पाँच वर्ष की आयु में लता जी ने अपने पिता के म्यूजिकल नाटक के लिए एक्ट्रेस का काम करना शुरू किया था ।
संगीत में योगदान
लता मंगेशकर भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका है . जिनका छः दशको का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है । हालांकि लता जी ने लगभग तीस से अधिक भाषाओं में फिल्मी और गैर – फिल्मी गाने गाए हैं , लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है ।
• 13 वर्ष की आयु में लताजी ने एक मराठी फिल्म के लिए गाना रिकॉर्ड गया । इस बात से यह बेहद नाराज हुई । इसी वर्ष इनके पिताजी को दिल किया फिल्म रिलीज हुई लेकिन किसी कारणवश फिल्म से गाना हटा दिया । का दौरा पड़ने से निधन हो गया । लता जी अपने घर में बड़ी थी तो सारी जिम्मेदारी उनके कन्धों पर आ गई ।
• वर्ष 1945 में लता जी मुम्बई आ गई तथा फिल्मों में गाना गाने लगा । वर्ष 1947 में हिन्दी फिल्म आप की सेवा में के लिए भी एक गाना गाया , उस समय फिल्मों में गायिका नूरजहा , शमशाद बेगम , बेगम अख्तर , जोहराबाई आदि का प्रभाव था ।
• वर्ष 1949 में लता जी ने लगातार 4 हिट फिल्मों में गाने गाए । फिल्म बरसात , दुलारी , अन्दाज व महल फिल्में हिट थीं , इसमें से ‘ महल ‘ फिल्म का गाना ‘ आएगा आने वाला ‘ सुपर हिट हुआ और लता जी ने अपने पैर फिल्म इण्डस्ट्री में जमा लिए ।
• लता जी को सर्वाधिक गीत रिकॉर्ड करने का भी गौरव प्राप्त है । इन्होंने फिल्मी गीतों के अतिरिक्त गैर – फिल्मी गीत भी बहुत ही बखूबी के साथ गाए हैं । इन्होंने गीत , गजल , भजन तथा संगीत के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी कला बिखेरी है । गीत चाहे शास्त्रीय संगीत पर आधारित हो या पाश्चात्य धुन पर आधारित हो या फिर लोक धुन पर , सभी में समान रूप से योगदान किया है ।
• इन्होंने उस समय के सभी प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया है , जिनमें अनिल बिस्वास , सलिल चौधरी , जयकिशन , एस . डी . बर्मन , आर . डी . बर्मन , नौशाद , मदनमोहन , सी रामचन्द्र इत्यादि सभी संगीतकारों ने उनकी गायिकी का लोहा माना ।
• लता जी ने विभिन्न फिल्मों में भी अपनी गायिकी से चार चाँद लगाए हैं , जिनमें दो आँखें बारह हाथ , दो बीघा जमीन , मदर इण्डिया , मुगल – ए – आजम , महल , बरसात , एक थी लड़की , बड़ी बहन , परख , मधुमती , छाया , हम दोनों , जंगली , जब – जब फूल खिले , अनारकली , अमर प्रेम , गाइड , प्रेमरोग , सत्यम् शिवम् सुन्दरम् आदि हैं ।
• लता जी ने पुरानी फिल्मों के साथ – साथ नई फिल्मों में भी गाने गाए हैं , जिनमें हिना , रामलखन , देवदास , अमरगीत , राब्ता आदि हैं ।
• लता जी ने युगल गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं । इन्होंने मन्ना डे , मुहम्मद रफी , किशोर कुमार , महेन्द्र कपूर आदि गायकों के साथ – साथ दिग्गज शास्त्रीय गायकों में पण्डित भीमसेन जोशी , पण्डित जसराज इत्यादि के साथ भी मनोहारी युगल गीत गाए हैं । गजल के बादशाह जगजीत सिंह के साथ इनकी एलबम ‘ सजदा ‘ ने लोकप्रियता की बुलन्दियों को छुआ ।
• वर्ष 1962 के भारत – चीन युद्ध के बाद शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए । एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था , जिसमें तत्कालीन प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू भी उपस्थित थे । इसमें लता जी द्वारा गाए गए । गीत ‘ ऐ मेरे वतन के लोगों को सुन कर सब लोग भाव – विभोर हो गए थे । पण्डित नेहरू की भी आँखें भर आई थीं ।
• लता जी गुलाम हैदर साहब को अपना ‘ गॉडफादर ‘ मानती हैं । लता जी ने गायन के अतिरिक्त बतौर फिल्म निर्माता विविध अवसरों पर चार फिल्मों का भी निर्माण किया था । सबसे पहले वर्ष 1953 में मराठी फिल्म ‘ वाडई ‘ बनाई थी । इसी वर्ष इन्होंने संगीतकार सी . रामचन्द्र के साथ मिलकर हिन्दी फिल्म ‘ झंझार ‘ का निर्माण किया था । तत्पश्चात् वर्ष 1955 में हिन्दी फिल्म ‘ कंचन ‘ का निर्माण किया । वर्ष 1990 में इनकी निर्मित फिल्म ‘ लेकिन ‘ हिट गई थी ।
• लता जी ने पाँच फिल्मों का संगीत निर्देशन किया था । सभी मराठी फिल्में थीं । इनकी बतौर संगीत निर्देशक पहली फिल्म ‘ राम और -पाव्हना ‘ ( 1960 ) थी । अन्य मराठी फिल्मों में टिटुका मेलेवा ( 1962 ) , साहित्यांजी मंजुला ( 1963 ) , साधु मानसे ( 1965 ) व तबाड़ी मार्ग ( 1969 ) थीं ।
सम्मान / पुरस्कार – लता मंगेशकर
- लता जी को फिल्मों में योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया , जिनमें से कुछ प्रमुख पुरस्कार निम्नलिखित हैं –
- फिल्म फेयर पुरस्कार ( 1958 , 1962 , 1965 , 1969 , 1993 और 1994 )
- राष्ट्रीय पुरस्कार ( 1972 , 1975 और 1990 )
- • महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार ( 1966 और 1967 )
- – वर्ष 1969 में पद्म भूषण में
- – वर्ष 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज बुक रिकॉर्ड
- – वर्ष 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार – वर्ष 1993 में फिल्म फेयर का लाइफटाइम अचीवमेण्ट पुरस्कार
- – वर्ष 1996 में स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेण्ट पुरस्कार
- – वर्ष 1997 में राजीव गाँधी पुरस्कार
- – वर्ष 1999 में एन . टी . आर . पुरस्कार
- – वर्ष 1999 में पद्म विभूषण
- • वर्ष 1999 में जी सिनेमा का लाइफटाइम अचीवमेण्ट पुरस्कार
- • वर्ष 2000 में आई . आई . ए . एफ . का लाइफटाइम अचीवमेण्ट पुरस्कार
- – वर्ष 2001 में स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेण्ट पुरस्कार
- • वर्ष 2001 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारतरत्न ‘
- वर्ष 2001 में नूरजहाँ पुरस्कार
- वर्ष 2001 में महाराष्ट्र भूषण
स्वर्गीय लता मंगेशकर का ये गाना मेरे दिल के काफी करीब है । गाना – रुलाके गया सपना मेरा ।
आगे आने वाली और भी जानकारियों के लिए Subscribe करें , Share करें अपने मित्रों के बीच और जुड़े रहे सप्त स्वर ज्ञान के साथ, धन्यवाद ।