अध्याय- 12 ( रागसागर या रागमाला ) | गायन के 22 प्रकार
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रागसागर या रागमाला क्या है ?
रागसागर या रागमाला क्या है ? रागसागर या रागमाला एक ही गीत के भिन्न – भिन्न पद या भिन्न – भिन्न रागों में बँधे होते हैं , तो उसे ‘ रागमालिका ‘ या ‘ रागमाला ‘ कहते हैं । हिन्दुस्तानी संगीत में इसे प्रायः ‘ रागसागर ‘ कहते हैं । इसमें प्रायः भिन्न – भिन्न रागों के नाम भी आ जाते हैं ।
इसमें बन्धन इस प्रकार का होना चाहिए कि गीत भिन्न – भिन्न अंशों का समुच्चय मात्र न जान पड़े , किन्तु वे परस्पर संहत या संश्लिष्ट हों , जिससे सारे गीत से एक भाव सूचित होता है । रागमाला संगीत के अमूर्त स्वर के मूर्त चित्रण है । सौन्दर्य को अभिव्यक्त करके नायक – नायिका के शृंगारिक वातावरण को प्रस्तुत किया है ।
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