Site icon सप्त स्वर ज्ञान

रागमाला क्या है ? अध्याय- (12/22) Raagmala ya RaagSagar kya hai ?

रागमाला क्या है ?

अध्याय- 12 ( रागसागर या रागमाला ) | गायन के 22 प्रकार

  1. गायन
  2. प्रबंध गायन शैली
  3. ध्रुपद गायन शैली
  4. धमार गायन शैली
  5. सादरा गायन शैली
  6. ख्याल गायन शैली
  7. तराना
  8. त्रिवट
  9. चतुरंग
  10. सरगम
  11. लक्षण गीत
  12. रागसागर या रागमाला
  13. ठुमरी
  14. दादरा
  15. टप्पा
  16. होरी या होली
  17. चैती
  18. कजरी या कजली
  19. सुगम संगीत
  20. गीत
  21. भजन
  22. ग़ज़ल

रागसागर या रागमाला क्या है ?

रागसागर या रागमाला क्या है ? रागसागर या रागमाला एक ही गीत के भिन्न – भिन्न पद या भिन्न – भिन्न रागों में बँधे होते हैं , तो उसे ‘ रागमालिका ‘ या ‘ रागमाला ‘ कहते हैं । हिन्दुस्तानी संगीत में इसे प्रायः ‘ रागसागर ‘ कहते हैं । इसमें प्रायः भिन्न – भिन्न रागों के नाम भी आ जाते हैं ।

इसमें बन्धन इस प्रकार का होना चाहिए कि गीत भिन्न – भिन्न अंशों का समुच्चय मात्र न जान पड़े , किन्तु वे परस्पर संहत या संश्लिष्ट हों , जिससे सारे गीत से एक भाव सूचित होता है । रागमाला संगीत के अमूर्त स्वर के मूर्त चित्रण है । सौन्दर्य को अभिव्यक्त करके नायक – नायिका के शृंगारिक वातावरण को प्रस्तुत किया है ।

रागसागर या रागमाला क्या है ? के इस अध्याय के बाद आगे आने वाली संगीत से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारियों और गायन शैली के 22 प्रकार के बारे में विस्तार से जानने के लिए Subscribe करें , Share करें अपने मित्रों के बीच और जुड़े रहे सप्त स्वर ज्ञान के साथ, आपका धन्यवाद ।

Advertisement
Share the Knowledge
Exit mobile version