Site icon सप्त स्वर ज्ञान

ग्वालियर घराना ( सबसे प्राचीन घराना )विशेषताएँ Gwalior Gharana

ग्वालियर घराना

Gwalior Gharana – ग्वालियर घराना हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सबसे प्राचीन घराना है ।

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सबसे प्राचीन घराना कौन है ?

ग्वालियर घराना हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का सबसे प्राचीन घराना है । यह घराना ख्याल गायिकी का सर्वप्रसिद्ध घराना है ।

ग्वालियर घराना – ख्याल गायकी

विशेषताएँ – ग्वालियर घराना

ग्वालियर घराने की अपनी अलग ही विशेषताएँ हैं , जो निम्नलिखित हैं

प्रमुख कलाकार

भगवत शरण शर्मा के अनुसार , ‘ नत्थन पीरबख्श के पुत्रों में हृदू खाँ , हस्सू खाँ और नत्थन खाँ थे । हृदू खाँ के पुत्रों में मुहम्मद खाँ और रहमत खाँ तथा इनके भतीजे निसार हुसैन खाँ प्रसिद्ध थे । हृदू खाँ के शिष्य राम – कृष्ण बुआ , दीक्षित पण्डित , जोशी बुआ , बाला गुरु और बालकृष्ण बुआ अधिक प्रसिद्ध हुए हैं ।

इनमें बालकृष्ण बुआ इंचलकरंजीकर की शिष्य परम्परा में विष्णु दिगम्बर पलुस्कर , मिरासी बुआ , अनन्त मनोहर जोशी , भाटे बुआ , इंगले बुआ , अन्ना बुआ , विष्णु दिगम्बर के शिष्यों में ओंकारनाथ ठाकुर , वी . आर . देवधर , विनायक राव पटवर्द्धन , शंकर राव व्यास , नारायण राव व्यास तथा इनके पुत्र डी . वी . पलुस्कर आदि के नाम प्रमुख हैं ।

• पण्डित वासुदेव जोशी के शिष्यों के बाल कृष्ण बुआ इंचलकरंजीकर रहे , जिनके कारण ग्वालियर घराना का प्रचार सम्पूर्ण महाराष्ट्र में हुआ ।

Advertisement

Conclusion / निष्कर्ष

डॉ . शरतचन्द्र जी के अनुसार , “ ख्याल गायन आरम्भ करते समय आरम्भिक स्वर ‘ आ ‘ कार में खुली व बुलन्द आवाज के साथ किया जाता है । इस घराने में आवाज को दबाना निषिद्ध है , आवाज को तीनों सप्तकों में घुमाया जाता है । इस घराने में ख्याल में अति – विलम्बित लय का प्रयोग कम किया जाता है , इसकी स्थायी व अन्तरा गाने की अपनी विशेष शैली है तथा स्थायी के बाद आलाप व स्वरों की बढ़त धीरे – धीरे करते हुए तार सप्तक में पहुँचकर अन्तरे के आलाप , तानों और बोल – तानों का प्रयोग गमक तथा जबड़े की तानों आदि के साथ किया जाता है ।

ग्वालियर घराने की रचनाएँ विभिन्न तालों में बंधी हुई होती हैं , जैसे – झूमरा , तिलवाड़ा और विलम्बित एक ताल आदि । इस प्रकार महान् धुरन्धर कलाकारों से युक्त यह ग्वालियर घराना गायिकी के सर्वप्रसिद्ध घराने के पहचाना जाता है । अतः यह घराना संगीत की निधि को संरक्षित एवं संवर्द्धित करने में निरन्तर सफल प्रयास करता रहा है ।

Advertisement
Advertisement

दिए गए लिंक पर क्लिक करें और जानकारी प्राप्त करें साथ ही शेयर करें सब्सक्राइब करें और सप्त स्वर ज्ञान के साथ बने रहने के लिए आपका धन्यवाद ।

Advertisement
Advertisement
Share the Knowledge
Exit mobile version