Site icon सप्त स्वर ज्ञान

राग मालगुंजी का परिचय Raag Malgunji ka Parichay

राग मालगुंजी

राग मालगुंजी का परिचय ( श्लोक –

राग मालगुन्जी द्वै मध्यम कोमल रिखब , पंचम सुर बरजोई ।

सम सम्वादि वादि ते , ललित राग शुभ होई ।। – राग चन्द्रिकासार

राग मालगुंजी का परिचय – संक्षिप्त विवरण

आरोह –नि सा रे ग ऽ म , ध नि सां ।

अवरोह – सां नि ध , पम ग म , रे सा ।

पकड़ – नि सा रे ग , रेगम रे सा ।

Advertisement

विशेषता

( 1 ) साधारणतः आरोह में शुद्ध ग और नि तथा अवरोह में कोमल ग और नि प्रयोग किये जाते हैं । शुद्ध निषाद का अति अल्प प्रयोग केवल तार सा के साथ आरोह में होता है जैसे- नि सां , रें सां , अन्यथा आरोह में भी कोमल नि प्रयोग किया जा सकता है । मंद्र सप्तक के आरोहात्मक और अवरोहात्मक दोनों प्रकार के स्वरों में कोमल नि प्रयोग किया जाता है । उदाहरण के लिये आलाप देखिये । कुछ विद्वान केवल कोमल नि प्रयोग करते हैं , शुद्ध नि लगाते ही नहीं ।

( 2 ) पंचम स्वर आरोह में वर्ण्य है और अवरोह में अल्प है । ध से म को आते समय पंचम का कण लेते हैं ।

Advertisement
Advertisement

( 3 ) शुद्ध नि का अल्पत्व , कोमल नि की अधिकता , मध्यम का बहुत्व और पंचम का अल्पत्व तथा लगभग बागेश्वरी के समान चलन होने के कारण इसे बागेश्वरी अंग का राग कहते हैं ।

अपवाद राग मालगुंजी का परिचय

वादी – सम्वादी क्रमशः म – सा होने से इसका गायन – समय दिन के उत्तर अंग में अर्थात 12 बजे रात्रि के बाद होना चाहिये , किन्तु मालगुन्जी 12 बजे के पूर्व गाई – बजाई जाती है ।

Advertisement

न्यास के स्वर- सा , ग , म और ध समप्रकृति राग- बागेश्वरी

विशेष स्वर – संगतियाँ

Advertisement

1. ध नि सा रे ग ऽ म ,

2. ध पम ग ऽ म , ग रे सा ,

3. ग , रेगम ग ऽ रे सा ,

4. म ध नि ध , पमग ऽ म ,

Advertisement

5. सां नि धप म ऽ ग म ग रे सा ।

आलाप राग मालगुंजी का परिचय

1. सा , ध नि सा रे ग , ग , म , रेगम ग रे सा ध नि सा रे ग , म ग रे सा ।

Advertisement

2. सा , नि ध नि सा , रे ग गम , ( म ) ग रे सा ऽ रे ग म , ग , म ध पम ग , म ध ऽ पम , नि ध ऽ पम , ग म ग रे सा , ध नि सारेग , सा रे सा ध ऽ नि सा रे ग , ग म ऽ ग रे सा ।

3. सा ग म ध , नि ध ऽ प म ग ऽ म , म ध , म ध नि सां नि ध ऽ पम , ध नि ध ऽ पम ग ऽ रेगम ऽ ग रे सा , ध ऽ नि सा रे ग ऽ म ग रे सा गं सां ,

Advertisement

4. म ध नि सां , ( सां ) रें सां रें सां नि नि ध , ध नि सां रें गं मं गं रें सां , नि सां रें सां नि ध ऽ पम ग , रे ग म ऽ ग रे सा , धऽ नि सा रे ग ऽ म ग रे सा ।

5. ग ऽ म ऽ ध नि सां , ( सां ) रें सां ध ऽ नि सां , रें गं सां ऽ रें गं मं गं रें सां , रें सां नि ध ऽ पम ग ऽ रे ग म , म ग रे सा , नि ध ऽ नि सा रे ग ऽ म ग रे सा ।

तानें

1. धनिसारे गमगरे सानिधनि सारेगम गरेसानि धनिसारे गमगरे सानिधनि सा ।

2. मधनिध पमगम रेगमग रेसा , धनिसारे गमधनि धपमग रेगमग रेसा , मधनिसां निधपम गमधनि सांनिधपमग निधपम गरेसा ।

Advertisement
Advertisement

3. मग रेसा , धनि सारे गग मग रेसा , धनिसां सारेग रेगम मगरेसा सारे मगरेसा , मग रेसा धनि सारे गऽ मग रेसा , मधनिसां निध पम गम रेग मग रेसा ।

4. निधपम गम रेगमग रेसा , रेंसां निध पमगम रेगमग रेसा , रेंगंरेंगं मंगरेंसां निधपम गमरेग मगरेसा ।

5. सारेसारे सारेगम रेगमग रेसा , मधमध मधनिसां निधपम गमधप मगरेग मगरेसा , सारेगमं गरेंसांऽ रेंसारेंसां निधपम गमरेग मग रेसाधनि सारे गम गरे सा ।

राग विभास का परिचय Raag Vibhas ka Parichay

राग चन्द्रकौंस का परिचय Raag Chandrakauns

राग गोरख कल्याण का परिचय Raag Gorakh Kalyan

Advertisement
Advertisement

” सप्त स्वर ज्ञान ” से जुड़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद ।

Advertisement
Advertisement
Share the Knowledge
Exit mobile version