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राग विभास का परिचय Raag Vibhas ka Parichay

राग विभास

राग विभास का परिचय/संक्षिप्त विवरण – इस राग की उत्पत्ति भैरव थाट से मानी जाती है । इसमें मध्यम और निषाद स्वर वर्ज्य हैं , अतः इस राग की जाति औडव – औडव है । रिषभ (रे) और धैवत (ध ) कोमल तथा अन्य स्वर शुद्ध हैं । वादी धैवत और सम्वादी ऋषभ है । गायन – समय दिन का प्रथम प्रहर

राग विभास कोमल रिखबरु धैवतहि , सुर मनि बिना उदास ।

वादी ध सम्वादी रे , ओडव राग विभास ।।

-राग चन्द्रिकासार

राग विभास का परिचय in Hindi – राग विभास प्रातः कालीन संधि प्रकाश राग है ।

आरोह – सा रे ग प ध सां , अवरोह – सां ध प , ग प ध प , ग रे सा , पकड़ – ध ध प , ग प ग रे सा ,

विशेषता

( 1 ) यह राग उत्तरांग प्रधान है । अतः इसकी चलन मध्य सप्तक के उत्तर अंग और तार सप्तक के पूर्व अंग में अधिक होती है ।

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( 2 ) विभास के तीन प्रकार हैं । अंतिम दो प्रकार क्रमशः पूर्वी और मारवा थाट जन्य राग हैं । तीनों विभास एक दूसरे से अलग हैं । भैरव थाट जन्य विभास का अधिक प्रचार है ।

( 3 ) इस राग की प्रकृति शांत और गंभीर है ।

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( 4 ) इसमें धैवत पर सावकाश आंदोलन किया जाता है ।

( 5 ) इसमें ऋषभ स्वर कोमल तथा गंधार शुद्ध है , अतः यह प्रातः कालीन सन्धिप्रकाश राग है ।

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( 6 ) पूर्वी घाट जन्य राग रेवा में राग विभास के ही स्वर लगते हैं । अंतर यह है कि राग रेवा पूर्वांग प्रधान है और इसका गायन – समय सायंकाल संधिप्रकाश समय है और विभास भैरव थाट जन्य उत्तरांग प्रधान प्रातः कालीन संधि – प्रकाश राग है ।

न्यास के स्वर प , ध और सां ,

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समप्रकृति राग – पूर्वी थाट जन्य रेवा ‘ और पूर्वांग में जैत ।

विशेष स्वर – संगतियाँ

1. ध ध प , ग प ,

2. ग प ध ध प ,

3. सां रे सां , ध ऽ ध प .

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4. ध ऽ प , ग प ग रे सा ,

Note- रिषभ (रे) और धैवत (ध ) कोमल तथा अन्य स्वर शुद्ध हैं ।

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आलाप

1. सा , ध प , ग प , ग रे सा , रे सा , ध ध प , ध ध सा , प ग प , ग रे सा ।

2. सा रे ग प , ध ध प , ग प , ध ध प , प ग प ध ध प , ध प ग प , ध ध प , ग प , ग रे सा , ध ध प ।

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3. ग प ध ध सां , सां सां रें सां , रें सां ध ध प ग प ध सां , ध सां रें सां , ध सां ध प , प प सां , ध ध प , ग प ध ध प , ग प सां रे सां , ध प , प प सां , ध ध प , ग प ध प , ग रे सा ।

4. प , ध ध सां , सां रें गं रें सां , गं रें सां , ध प , ग ग प , ध ध सां ध ध प , ग प ध ध प , सा रे ग प , ध ध प ध प ग प ध प , प ग प ध प , ग रे सा , ध ध प ।

5. ग प ध ऽध सां , रे सां , रे सां , पं गं पं गं रें सां , पं गं रें सां , प ग रे सा , गं रे सां , ध प , प ध प सां ध प , ग प ध सां ध प , सांध प . ध ध प ग प प ग प ग रे सा ।

Note- रिषभ (रे) और धैवत (ध ) कोमल तथा अन्य स्वर शुद्ध हैं ।

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तानें

1 . पप गप गरे सा , धध पप गप गरे सा , सांसां धध पप गप धध पप गप गरे सा , गंगं रेंरे सांसां धध पप गप धध पप गरे सा ।

2. सारे गप गरे सा , सारे गप धप गरे सा , सारे गप धसां धुप गरे सा , सारे गप धसां रेंग रेंसां धप गरे सा ।

3. पप गप धध पप , धध पप गप गरे सा , सांसां रेंरें सांसां रेंरें सांसां धध पप गग रेरे सा ।

4. गप धप गप धसां धप , गप धसां रेंसां धूप , गप धसां रेंगं रेंसां धप गप धप गरे सा ।

5. पऽ गप गरे सा , धऽ पप गप गरे सा , सांऽ धसां पध गप धप गरे सा , गंऽ रेंगं सारें धसां पध गप गरे सा , सां धसां धप गप गरे सा , रेंग रेंसा धप गप गरे सा ।

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