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दिल्ली घराना ( ख्याल गायकी ) Delhi Gharana

दिल्ली घराना

दिल्ली घराना in Hindi – ख्याल गायकी के महत्त्वपूर्ण घराने की बात अगर हम करें तो इसमें कई और घराने भी शामिल हैं , जैसे – आगरा घराना, ग्वालियर घराना, किराना घराना , पटियाला घराना । इन सब घराने के बारे में आप अन्य लेख में जानेंगे । इस लेख में हम जानेंगे दिल्ली घराने के बारे में ।

दिल्ली घराना

विशेषताएँ – दिल्ली घराना

दिल्ली घराने की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

प्रमुख कलाकार

विद्वानों के अनुसार , दिल्ली घराना केवल ख्याल गायन में ही पारंगत नहीं था , अपितु वाद्य संगीत में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाले बहुत से कलाकार यहाँ उत्पन्न हुए ; यथा – उमराव खाँ के शिष्यों में सरदार खाँ और अब्दुल अजीज खाँ ने प्रसिद्धि पाई ।
नन्हे खाँ , मम्मन खाँ तथा सारंगी वादक बुन्दू खाँ भी इस गायिकी को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख कलाकार थे । उस्ताद नसीर अहमद खाँ की शिष्याएँ श्रीमती कृष्णा बिष्ट एवं भारती चक्रवर्ती भी अपने प्रयत्नों से इस घराने को उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करने हेतु समर्थ रहीं ।

उपसंहार / सार / Conclusion / निष्कर्ष

कुछ विद्वानों के मतानुसार , यदि दिल्ली घराने को ही सभी घरानों की जड़ मान लिया जाए , तो यह इसके विषय में अतिशयोक्ति नहीं होगी । खलीफा की उपाधि से विभूषित मियाँ अचपल से प्रारम्भ दिल्ली परम्परा की प्रतिनिधित्वता वर्तमान समय में उस्ताद चाँद खाँ से मानी जाती है । साथ ही इनके पुत्र उस्ताद नसीर अहमद खाँ , उस्ताद हिलाल अहमद खाँ को प्रतिष्ठित गायकों की श्रेणी में रखा जाता है ।

इस प्रकार यह घराना ख्याल गायिकी का प्रतिष्ठित व विलक्षित घराना रहा है । इस घराने में तानों के विशिष्ट एवं विचित्र नाम हैं । इस घराने में सारंगी और सुरसागर जैसे तन्तु वाद्यों का विशेष प्रचलन रहा है ।

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