Western Staff Notation in Hindi – स्वर और उनके नाम पाश्चात्य संगीत में गाये जाने वाले स्वर – नाम डो , रे , मी , फा, सोल, ला, सी है और उनका लिखित नाम C , D , E , F , G , A , B हैं । इनके अलावा स्वरों के अन्य नाम भी हैं जो नीचे दिये जा रहे हैं –
विषय - सूची
पाश्चात्य संगीत के स्वर- Notes of Western Music
नाम | भारतीय उच्चारित नाम | पाश्चात्य लिखित नाम |
सा | Do ( डो ) | C या Tonic |
रे | Re ( रे ) | D या Major ll या Super Tonic |
ग | Mi ( मी ) | E या Major III या Mediant |
म | Fa ( फा ) | F या Prefect IV या Sub Dominant |
प | SoI ( सोल ) | G या Prefect V या Dominant |
ध | La ( ला ) | A या Major VI या Sub Dominant |
नि | Ti/ Si ( सी ) | B या Major VII या Leading Note |
सा | Do ( डो ) | C या Octave |
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स्वरों के प्रकार – Western Staff Notation
स्वरों के प्रकार पश्चिमी देशों में भी उत्तरी भारत के समान स्वरों के तीन प्रकार माने गये हैं- शुद्ध , कोमल और तीव्र ।
जिस स्वर को कोमल अथवा तीव्र करना होता है , उसकी बाँई ओर फ्लैट ( कोमल ) या शार्प ( तीव्र ) का चिन्ह लगा देते हैं । किसी चिन्ह के न रहने से स्वर शुद्ध ( नेचुरल ) माना जाता है । कभी – कभी शुद्ध का चिन्ह भी लगाया जाता है । शुद्ध स्वर का चिन्ह उसी अवस्था में लगाया जाता है , जबकि ‘ की सिगनेचर ‘ प्रयोग किया गया हो ।
‘ की सिगनेचर ‘ लगाने से उस लाइन के सभी स्वर विकृत होंगे । उदाहरण के लिये किसी रचना में कोमल ग प्रयोग किया गया है , तो बार – बार ग ( E ) को फ्लैट करने के बजाय क्लेफ सिगनेचर की दाई ओर ग की रेखा पर फ्लैट ( E ) का चिन्ह लगा देंगे जिससे उस लाइन के सभी ग कोमल समझे जाएंगे , किन्तु अगर किसी स्थान पर शुद्ध ग की आवश्यकता हुई , तब शुद्ध स्वर का चिन्ह लगा देंगे ।
जिस स्वर पर शुद्ध का चिन्ह लगाएंगे , केवल वही स्वर शुद्ध होगा और शेष स्वर कोमल ही रहेंगे ।
- विस्तार से जानें – Key Signature in Music- की सिग्नेचर in Hindi
शुद्ध स्वर . ( Natural Note ) , कोमल स्वर ( Flat Note/ b ) , तीव्र स्वर ( Sharp Note/ # )
कोमल स्वर ( Flat Note ) का चिन्ह अंग्रेजी के अक्षर b के सामान होता है ।
स्वरों का नामकरण / उच्चारण – Western Staff Notation
पीछे हम स्वरों के विभिन्न नाम बता चुके हैं । वहाँ एक विधि और है जिसके द्वारा स्वरों को सम्बोधित करते हैं ।
पाश्चात्य प्रचलित स्वर – सप्तक में दो निकट के स्वरों में अर्ध स्वर का अन्तर होता है जिसे सेमीटोन ( Semi Tone ) कहते हैं ।
जब कभी किसी स्वर में कोमल ( Flat ) का चिन्ह लगा देंगे तब उस स्वर से एक सेमीटोन नीचे के स्वर का बोध होगा । उसी स्वर में जब दो फ्लैट चिन्ह लगा देंगे तो उस स्वर से दो सेमीटोन नीचे के स्वर का बोध होगा ।
इसी प्रकार से तीव्र ( Sharp ) का एक चिन्ह (#) लगा देने से वह स्वर एक सेमीटोन ऊंचा होगा और दो शार्प का चिन्ह लगा देने से वह दो सेमीटोन ऊंचा होगा ।
उदाहरण के लिय ग में दो फ्लैट लगा देने से शुद्ध रे होगा । इसी प्रकार ग में एक शार्प लगा देने से शुद्ध म और दो शार्प चिन्ह लगा देने से तीव्र म होगा ।
12 स्वर – Western Staff Notation in Hindi
नीचे बारहो स्वरों को लिखा जा रहा है । Flat और Sharp के लिये , जो चिन्ह पीछे दिये गये हैं , क्लेफ के बगल में बनाये जाते हैं , किंतु यहाँ पर छपाई की सुविधा के लिये अर्ध स्वर कोमल करने के लिये एक F अर्थात् Flat ( कोमल ) और दो अर्ध स्वर नीचा करने के लिये FF लिख रहे हैं अर्थात् DoubleFlat स्वर होगा । इसी प्रकार एक सेमी टोन अर्थात् अर्ध स्वर ऊंचा करने के लिये एक S और दो सेमीटोन ऊंचा करने के लिये दो SS लिख रहे हैं , जैसे –
स्वर | उच्चारित नाम |
सा | C या Double Flat D या Sharp B ( FFD या SB ) |
रे | Flat D या Sharpc ( FD या SC ) |
रे | D या Double Sharpc या Double Flat E |
ग | Flat E या Sharp D |
ग | E या Double Sharp D या Flat F |
म | F या Sharp E या Double Flat G |
मं | Sharp F या Flat G |
प | G या Double Sharp F या Double Flat A |
ध | Flat A या Sharp G |
ध | A या Double SharpG या Double Flat B |
नि | Sharp A या Flat B |
नि | B या Double Sharp A या Flat C |
सा | Do ( डो ) |
Western Staff Notation in Hindi के इस अध्याय में बस इतना ही ।
- इसे भी पढ़ें – Western Notation System in Hindi पाश्चात्य स्वरलिपि पद्धति के प्रकार
- सेमीटोन और टोन क्या हैं ? What is Semitone and Tone ?
- अलंकार किसे कहते हैं ? What is Alankar in Music ?