खरज का रियाज़ करने से 

– गले में ठहराव आता है। – बेस नोट्स आपके बहुत क्लियर हो जाते हैं।

खरज रियाज़ से 

– ज्यादा लंबे समय तक सांस खींचने की क्षमता बढ़ जाती है। – स्वर आपके शानदार/ क्लियर हो जाते हैं।

खरज रियाज़ करने से  वोकल मसल्स मजबूत होती है।

1. आपको लगता होगा की आवाज़ को ऊँचा ले जाना मुश्किल है नीचे ले जाना आसान होता है पर ऐसा नहीं है।

2. आवाज़ को नीचे के स्वरों पर ले जा पाना उतना ही कठिन है। 

3. इसके लिए हमे खास किस्म का रियाज/अभ्यास करना पड़ता है ।

4. जिनकी आवाज पतली है, या जो अपने आवाज में भारीपन लाना चाहते हों, चाहे वो कोई पुरुष हो या महिला यह अभ्यास उन सभी के लिए बेहद जरूरी हो जाता है।

5. काफी लोगों को लगता है कि खरज का रियाज़ सभी सप्तकों में होता है । नहीं, यह गलत है , ऐसा बिल्कुल भी नहीं है । 

6. खरज का रियाज़ मंद्र सप्तक में किया जाता है ।

7. खरज का अर्थ है निचले स्वर का अभ्यास ।

निचले स्वर के रियाज़ को ही हम खरज का रियाज़ कहते हैं ।