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खरज का रियाज -संगीत में नीचे के स्तर / लो नोट्स का अभ्यास Kharaj Practice

खरज-का-रियाज

खरज का रियाज या अभ्यास का मतलब क्या है ? – संगीत में नीचे के स्तर (Low Notes) को सुधारने के लिए kharaj Practice किया जाता है । जिनकी आवाज पतली है, या जो अपने आवाज में भारीपन लाना चाहते हों, चाहे वो कोई पुरुष हो या महिला यह अभ्यास उन सभी के लिए बेहद जरूरी हो जाता है । जैसा की आप लोगों को पता है कि अगर आप जिम जाते हैं और कसरत करते हैं तो आपकी बॉडी मसल्स कितनी स्ट्रॉन्ग होती हैं ।

उसी तरह अभ्यास से वोकल मसल्स भी मजबूत होती है । आपकी वोकल मसल्स जितनी मजबूत होगी आपके गायन में उतनी ही सुंदरता आती जाएगी । आप गाने को और भी अच्छे तरीके से निभा पाएंगे। जब आप गाने को अच्छे से निभाएंगे तो आपका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ जाएगा और सुनने वालों को ऐसा लगेगा कि कितना मधुर आप गा रहे हैं और आपकी प्रस्तुति बेहद शानदार हो जाएगी ।

खरज का अर्थ / Meaning of Kharaj ?

खरज का अर्थ है निचले स्वर का अभ्यास । हमारी आवाज नीचे के सुरों में भी आसानी से पहुँच पाए । हमारे द्वारा गाये गए या निकाले गए आवाज में भारीपन आए, गहराई आए ।

इस अभ्यास को समझने के लिए आपको थोड़ा संगीत की कुछ बातों को समझना पड़ेगा । जैसे क्या आप जानते हैं कि सप्तक होते कितने प्रकार के हैं? सबसे पहले इसे समझिये ताकि आपको अच्छे से समझ पाएं की यह खरज का रियाज क्या होता है ? अगर आप ये जानते हैं तो पढ़ना जारी रखें ।

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मंद्र सप्तक और खरज / Low Octave and Kharaj

अब इस मंद्र सप्तक की महत्वता यह है कि इस सप्तक में सबसे जरूरी खरज का रियाज किया जाता है ।

मंद्र सप्तक – मध्य सप्तक से पहले का जो सप्तक होता है वह मंद्र सप्तक कहलाता है इसमें भी 7 शुद्ध और 5 विकृत कोमल और तीव्र मिलाकर पूरे 12 स्वर होते हैं । मंद्र सप्तक के जो चिन्ह होते हैं उसमें स्वर के ठीक नीचे एक बिंदु लगाया जाता है चाहे वह कोमल हो चाहे वह शुद्ध। यह चिन्ह इसलिए बनाए गए हैं जिससे आपको पता लग सके कि यह स्वर किस सप्तक में गाए जाने वाले हैं।

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खरज का रियाज / Practice of Kharaj

दोस्तों , आपको लगता होगा की आवाज़ को ऊँचा ले जाना मुश्किल है नीचे ले जाना आसान होता है पर ऐसा नहीं है । आवाज़ को नीचे के स्वरों पर ले जा पाना उतना ही कठिन है । इसके लिए हमे खास किस्म का रियाज , अभ्यास करना पड़ता है ।

स्वरों पर कई रागों का निर्माण होता है। रियाज के शुरुआती दौर में रियाज बहुत इंपॉर्टेंट होता है काफी लोगों को लगता है कि खरज का रियाज़ सभी सप्तकों में होता है । नहीं, यह गलत है , ऐसा बिल्कुल भी नहीं है । खरज का मतलब होता है लो नोट्स का रियाज़ मतलब मंद्र सप्तक का रियाज ।

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खरज के रियाज के फायदे / Benefits of Kharaj

इस रियाज को करना किसी गायक के लिए बेहद जरूरी होता है। आपने अगर इसे शुरू नहीं किया है तो जरूर करें । इसके कई फायदे हैं। इसके निरंतर अभ्यास से

मुश्किलें / Diffficulties

खरज के बारे में लोगों का यह कहना है कि उनके गले में दर्द महसूस होता है । खरज के रियाज के बाद दर्द होने का कारण क्या हो सकता है ? तो खरज का रियाज करने के बाद गले में दर्द महसूस होने का कारण सिर्फ यह हो सकता है कि या तो

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खरज के रियाज में सावधानी / Precautions

इस परेशानी से बचने के लिए सिर्फ एक ही उपाय है। जब आप रियाज शुरू करें तो धीरे-धीरे आगे बढ़े। जैसे सिर्फ़ सा गाएं या फिर सा, नि गाएं या फिर सा, नि, धा गाएं। सा से सा तक का रियाज एकदम से बिल्कुल शुरू ना करें ।

इसीलिए अगर आप अपनी गायकी में गंभीरता , स्वरों में बेस , या कहें भारीपन लाना चाहते है तो इन सभी बातें फॉलो करें । आपको और बेहतर गायक बनने से कोई नहीं रोक सकता ।

सप्त स्वर ज्ञान से जुड़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद ।

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